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जम्मू-कश्मीर हाईवे पर भूस्खलन से जमा मलबे का पहाड़, पांच दिन बाद भी राजमार्ग बंद

बर्फबारी के बाद से कश्मीर घाटी की सड़कों पर भी बर्फ की सफेद चादर फैली है। यहां तक की राजमार्ग भी अभी तक बंद हैं। ग्रामीण सड़कों तक तो प्रशासनिक टीम पहुंच ही नहीं पा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 09:39 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर हाईवे पर भूस्खलन से जमा मलबे का पहाड़, पांच दिन बाद भी राजमार्ग बंद
जम्मू-कश्मीर हाईवे पर भूस्खलन से जमा मलबे का पहाड़, पांच दिन बाद भी राजमार्ग बंद

जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू/ऊधमपुर। रविवार को पांच दिन से बंद पड़े जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबा और बर्फ हटाने के बाद इसे एकतरफा खोला गया, लेकिन 15 मिनट बाद ही रामबन के पास करीब 300 मीटर के दायरे में पहाड़ गिरने से आवगमन बंद हो गया। सड़क से मलबे को हटाने में दो दिन लग सकते हैं।

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उधर पश्चिमी विक्षोभ का दवाब फिर से बनने लगा है। 13 फरवरी से मौसम खराब होने की आशंका है। ऐसे में राजमार्ग जल्द खुलने के आसार कम ही हैं। हजारों छोटे-बड़े वाहन अभी भी फंसे हैं।

प्रशासनिक टीम ने रविवार सुबह ही हाईवे खोलने का काम तेजी से शुरू कर दिया था। रामबन से पंतिहाल तक कई स्थानों से मलबा हटाकर दोपहर ढाई बजे तक हाईवे को एकतरफा वाहन गुजरने लायक रास्ता बना दिया। दो शव लेकर घाटी जाने वाली एंबुलेंस के साथ तेल व गैस के टैंकरों को छोड़ने पर विचार किया जा रहा था। इस दौरान वहां फंसे वाहन चालकों ने हंगामा खड़ा कर दिया। एंबुलेंस को रवाना कर दिया। करीब सवा सौ यात्री वाहनों और 50 ट्रक व टैंकर चालकों ने उन्हें भी कश्मीर जाने की मांग पर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इसी दौरान दोपहर तीन बजे रामबन में मारोग क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ। दस मिनट तक लगातार हुए भूस्खलन के मलबे ने तीन सौ मीटर हाईवे को अपनी जद में ले लिया। हाईवे पर मलबे का पहाड़ फिर से खड़ा हो गया है। ऐसे में राजमार्ग फिर से बंद हो गया है। अगले दो से तीन दिन तक हाईवे खुलने की संभावना भी नहीं है।

हालांकि दोनों तरफ से मशीनें मलबा हटाने में जुटी हैं। रात आठ बजे तक काम जारी रहा, लेकिन फिर से पत्थर गिरने लगे। उसके बाद काम बंद कर दिया। इस दौरान एक जेसीबी ऑपरेटर चोटिल भी हो गया। डीएसपी सुरेश शर्मा ने बताया कि हाईवे खोल दिया था। अभी वाहनों को छोड़ नहीं गया था। शव ले जाने वाली एंबुलेंस को प्राथमिकता से निकाला गया। महज 20 मिनट बाद मारोग पुलिया के पास काफी बड़ा भूस्खलन हुआ है। इंजीनियरों के मुताबिक युद्ध स्तर पर काम करने पर भी इसे हटाने में दो से तीन दिन का समय लगेगा।

शुक्र मनाएं पुलिस ने रोके रखा अन्यथा हो जाती बड़ी अनहोनी

कुछ समय पूर्व तक ट्रैफिक न निकालने पर हंगाम करने वाले शुक्र मनाते नजर आए कि पुलिस ने उन्हें निकलने नहीं दिया, अन्यथा हाईवे पर बड़ी अनहोनी हो सकती थी। यदि हाईवे को खोल दिया जाता तो इतने बड़े भूस्खलन की चपेट में 25 से 30 वाहन आ सकते थे। भूस्खलन के बाद वाहनों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
फरवरी माह में नियमित अंतराल पर होती रहेगी बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार सोमवार को भी जम्मू और कश्मीर में हल्के बादल छाए रहेंगे। लद्दाख संभाग में 13 से 15 हल्की बर्फबारी की संभावना है। जबकि 18-19 फरवरी को भी बारिश हो सकती है। इसका अभिप्राय यह हुआ कि फरवरी माह में नियमित अंतराल पर बारिश होती रहेगी।


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