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Coronavirus: जम्मू में सबसे ज्यादा, रियासी में सबसे कम हुई मौत, यह है इसकी वजह

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में मई महीने की अपेक्षा जून महीने में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हुई है। लेकिन अगर जम्मू-कश्मीर में अभी तक हुई मौतों का विशलेषण करें तो जम्मू जिले में सबसे अधिक और रियासी जिले में सबसे कम कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 05:07 PM (IST)
Coronavirus: जम्मू में सबसे ज्यादा, रियासी में सबसे कम हुई मौत, यह है इसकी वजह
जम्मू जिला अकेला ऐसा जिला है जहां पर एक हजार से अधिक मौत हुई हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में मई महीने की अपेक्षा जून महीने में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हुई है। लेकिन अगर जम्मू-कश्मीर में अभी तक हुई मौतों का विशलेषण करें तो जम्मू जिले में सबसे अधिक और रियासी जिले में सबसे कम कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई हैं।

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नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल मृत्यु दर 1.36 फीसद है। कश्मीर संभाग में मृत्यु दर 1.12 फीसद है जबकि जम्मू संभाग में 1.76 फीसद है। कश्मीर की अपेक्षा जम्मू संभाग में अधिक मौतें हुई हैं, जम्मू जिला अकेला ऐसा जिला है जहां पर एक हजार से अधिक मौत हुई हैं।

जम्मू जिले में मृत्यु दर 2.14 फीसद है जबकि रियासी जिले में सबसे कम 0.75 फीसद है

आंकड़ों के अनुसार जम्मू जिले में मृत्यु दर 2.14 फीसद है जबकि रियासी जिले में सबसे कम 0.75 फीसद है। इसके अलावा राजौरी में 1.98 फीसद, कठुआ में 1.63 फीसद, ऊधमपुर में 1.18 फीसद, सांबा में 1.68 फीसद, पुंछ में 1.45 फीसद, रामबन में 1.06 फीसद और किश्तवाड़ में 0.93 फीसद ही मृत्यु दर है।वहीं कश्मीर संभाग में श्रीनगर में 1.18 फीसद, बारामुला में 1.19 फीसद, बडगाम में 0.9 फीसद, पुलवामा में 1.26 फीसद, कुपवाड़ा में 1.16 फीसद, अनतंनाग में 1.24 फीसद, बांडीपोरा में 1.08 फीसद कुलगाम में 1.01 फीसद और गांदरबल में 0.8 फीसद मृत्यु दर है।

कश्मीर में पुलवामा जिले में सबसे अधिक और गांदरबल में सबसेे कम मृत्यु दर है

कश्मीर में पुलवामा जिले में सबसे अधिक और गांदरबल में सबसेे कम मृत्यु दर है। अब पिछले कुछ दिनों से पूरे जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की संख्या कम हुई है। पहली लहर में जहां एक दिन में अधिकतम बीस से पच्चीस मरीजों की मौैत हुई। वहीं दूसरी लहर में इस बार एक दिन में 70-75 मरीजों की मौत हुई। इस बार तीन गुणा अधिक मौत हुई।


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