जम्मू : परिंदों की मौत का सबब बन रही हाईटेंशन वायर, पर्यावरणविदों ने चिंता जताई
हाईटेंशन वायर से परिंदों पर बढ़ रहे खतरों को लेकर पर्यावरणविद् चिंतित हैं। उनका कहना है कि बिजली इंसान इस्तेमाल कर रहा है इसकी सजा परिंदे क्यों भुगतें। प्रकृति ने हवा धूप वातावरण सभी जीवों के लिए एक समान दिया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : इंसान कितना खुदगर्ज है कि अपनी सुविधाओं की उसे पूरी चिंता हैं, लेकिन यह सुविधाएं पर्यावरण से कितना खिलवाड़ करके मिल रही है, इसके बारे में सोचने के लिए शायद किसी के पास समय नहीं। बिजली जो आज हम सबको मिल रही है और हरेक के लिए जरूरी है, कई पक्षियों की बली का करण बन चुकी है।
दरअसल बिजली सप्लाई के लिए खंबे से खंबे तक डाली हाइटेंशन तारों से परिंदें अकसर मरते रहते हैं लेकिन कोई सोचने वाला नहीं। मीरां साहिब के कृष्णा नगर में हाईटेंशन वायर के करंट लगने से दो चीलों की मौत हो गई। यह पहला मौका नहीं। यहां साल में दर्जनों पक्षियों की मौत हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन परिंदे यहां पर करंट का शिकार हो ही जाते है। वहीं शहर के अलग-अलग हिस्सों में भी इस तरह की घटनाएं घटती रही हैं।
हाईटेंशन वायर से परिंदों पर बढ़ रहे खतरों को लेकर पर्यावरणविद् चिंतित हैं। उनका कहना है कि बिजली इंसान इस्तेमाल कर रहा है, इसकी सजा परिंदे क्यों भुगतें। प्रकृति ने हवा, धूप, वातावरण सभी जीवों के लिए एक समान दिया है। मगर यह इंसान ही है जोकि अपनी सुविधाओं के लिए पर्यावरण पर खतरे बढ़ता जा रहा है।
पर्यावरणविद् रविंद्र थपलू का कहना है कि अमेरिका में ऐसा नहीं है। हाईटेंशन वायर का जाल अंडा ग्राउंड है। भारत में अभी शुरूआत हो रही है, उम्मीद है कि बदलाव आएगा। लेकिन अब लंबा समय लगने वाला है। हमें विकास के साथ साथ पर्यावरण का पूरा ख्याल रखना है।
पेड़ परिचर्चा के संचालक डा. ओपी विद्यार्थी का कहना है कि विकास की दौड़ में पर्यावरण का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। वन्यजीवों के भी अपने अधिकार हैं और इनका हनन नहीं होना चाहिए। इस दिशा में गंभीरता से सोचने की जरूरत है।