Jammu: 1995 व 1998 बैच के इंस्पेक्टरों की पदोन्नति पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश
कैट ने 31 मार्च के अपने आदेश में जम्मू-कश्मीर पुलिस की अलग-अलग विंग में सब-इंस्पेक्टरों व इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए नियम बनाने तथा एग्जीक्यूटिव व आमर्ड विंग की संयुक्त वरिष्ठता सूची तैयार करने का निर्देश दिया था जिसे याचियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
जम्मू, जेएनएफ: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने 1995 व 1998 बैच के इंस्पेक्टरों की पदोन्नति पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। 1995 बैच के इंस्पेक्टरों ने 1998 बैच के इंस्पेक्टरों की पदोन्नति को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी जिसे खारिज कर दिया गया था।
कैट के फैसले के खिलाफ याची हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में गए और अब बेंच ने इन पदोन्नतियों पर यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया। बेंच ने इस मामले में सरकार को नोटिस जारी करते हुए पक्ष रखने का निर्देश दिया और पक्ष रखे जाने तक मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।
कैट ने 31 मार्च के अपने आदेश में जम्मू-कश्मीर पुलिस की अलग-अलग विंग में सब-इंस्पेक्टरों व इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए नियम बनाने तथा एग्जीक्यूटिव व आमर्ड विंग की संयुक्त वरिष्ठता सूची तैयार करने का निर्देश दिया था जिसे याचियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि दोनों विंग में इंस्पेक्टर पद तक नियुक्तियां अलग-अलग होती है। याची 1995 में एग्जीक्यूटिव विंग में सब-इंस्पेक्टर नियुक्त हुए थे जबकि दूसरे उम्मीदवार वर्ष 1998 में आमर्ड विंग में नियुक्त हुए थे।
दोनों विंग में वरिष्ठता सूची अलग से बनी और वरिष्ठता के आधार पर दोनों विंग में इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नतियां हुई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि आमर्ड विंग में जो उम्मीदवार 1998 में सब-इंस्पेक्टर भर्ती हुए थे, वो 2005 में पदोन्नत हो गए जबकि वह 1995 में भर्ती हुए थे और उन्हें 2007 में पदोन्नत किया गया।
याचिका में कहा गया कि अब जबकि डीआइजी पद पर पदोन्नतियां होनी है, विभाग ने दोनों विंग की संयुक्त वरिष्ठता सूची तैयार की। ऐसे में उनके बाद नियुक्त हुए उम्मीदवार वरिष्ठता सूची में ऊपर आ गए है क्योंकि वह उनसे पहले इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नत हुए थे।