Jammu Kashmir : सरकारी बंगलों पर कब्जों के मामले पर पांच दिसंबर को होगी सुनवाई
सरकारी बंगलों पर कब्जों व एस्टेट विभाग की ओर से जारी नोटिस को लेकर हाईकोर्ट के विभिन्न बेंच में कई केस दर्ज थे। डिवीजन बेंच में जम्मू-कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल व जस्टिस राजेश बिंदल ने सभी मामलों को पांच दिसंबर को बेंच के सामने रखने का निर्देश दिया।
जम्मू, जेएनएफ । एस्टेट विभाग के बंगलों व ए-क्लास क्वार्टरों पर पूर्व मंत्रियों, नौकरशाहों व नेताओं के कब्जे से जुड़े सभी मामलों को हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने एक साथ जोड़ते हुए इन पर पांच दिसंबर को संयुक्त सुनवाई का फैसला लिया है। सरकारी बंगलों पर कब्जों व एस्टेट विभाग की ओर से जारी नोटिस को लेकर हाईकोर्ट के विभिन्न बेंच में कई केस दर्ज थे। डिवीजन बेंच में जम्मू-कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल व जस्टिस राजेश बिंदल ने रजिस्ट्री को इन सभी मामलों को संयुक्त करने व पांच दिसंबर को बेंच के सामने रखने का निर्देश दिया।
मामले की सुनवाई के दौरान याची के वकील एडवोकेट शेख शकील ने दलील दी कि आठ जुलाई 2020 को बेंच ने एस्टेट विभाग को चार सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करवाने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर रिपोर्ट मांगी थी। शेख शकील ने कहा कि एस्टेट विभाग ने बेंच के निर्देश को काफी हल्के से लिया और अभी तक स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं की। एस्टेट विभाग के प्रशासनिक सचिव को बेंच के सामने हाजिर होने का निर्देश दिए जाने की मांग करते हुए शेख शकील ने कहा कि विभाग के रवैये को देखते हुए ऐसा जरूरी है।
वहीं सरकार की ओर से पेश हुए असिस्टेंट एडवोकेट जनरल असीम साहनी ने कहा कि उन्होंने दो अक्टूबर को स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी जोकि रिकार्ड में दर्ज नहीं हुई और बेंच ने रिपोर्ट को रिकार्ड में दर्ज करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा ही अवैध कब्जों को लेकर एक अन्य जनहित याचिका भी दायर है, ऐसे में हो सकता है कि दूसरी जनहित याचिका में वो रिपोर्ट दर्ज हो गई हो। इस पर बेंच ने रजिस्ट्री को ऐसे सभी मामलों को पांच दिसंबर को एक साथ बेंच के सामने रखने का निर्देश दिया।