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Jammu Kashmir Budget 2021-22: जम्मू-कश्मीर में सुधरेगी स्वास्थ्य क्षेत्र की सेहत

कोरोना संक्रमण से जूझने के एक वर्ष बाद उम्मीदों के अनुरूप सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन तैयार करने वाले सयंत्र स्थापित करने से लेकर चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र कोे मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 04:10 PM (IST)
Jammu Kashmir Budget 2021-22: जम्मू-कश्मीर में सुधरेगी स्वास्थ्य क्षेत्र की सेहत
सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना संक्रमण से जूझने के एक वर्ष बाद उम्मीदों के अनुरूप सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन तैयार करने वाले सयंत्र स्थापित करने से लेकर चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र कोे मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है। हालांकि संक्रमण रोगों के लिए अलग से अस्पताल बनाने को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद थी। इसका बजट में कोई जिक्र नहीं है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बजट को सही तरीके से लागू किया जाता है तो स्वास्थ्य क्षेत्र को इससे लाभ होगा। पिछले वर्ष जब जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े थे तो मेडिकल कॉलेज में एकमात्र ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। इस कारण कुछ मरीजों की जान भी चली गई थी। इसके बाद आनन-फानन से एक प्लांट स्थापित किया गया। उस समय 37 अस्पतालों में ऑक्सीजन बनाने वाले सयंत्र स्थापित करने काे मूजरी मिली थी। अब बजट में इसके लिए 227.73 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।

अस्पतालों में ऑक्सीजन की समस्या का समाधान होगा

पूर्व स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. बीएस पठानिया का कहना है कि सरकार के इस कदम से अस्पतालों में ऑक्सीजन की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट पहले से ही होने चाहिए थे। लेकिन अब प्लांट के लिए फंड मंजूर होने से यह जल्दी स्थापित हो जाएंगे। वहीं ऊधमपुर और हंदवाड़ा में दो नए मेडिकल कॉलेज भी इसी सत्र से खुलेंगे। इससे जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस की 200 सीटों की और बढ़ोतरी हो जाएगी। इससे जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस की 1200 से अधिक सीटें हो जाएंगी और जम्मू-कश्मीर में सरकारी मेडिकल कॉलेज की संख्या दस हो जाएगी। यही नहीं गंग्याल, अनंतनाग, बारामुला, सोपोर बौर किश्तवाड़ में पांच नर्सिंग कॉलेज भी खुल जाएंगे।

सरकार के इन कदमों से नर्सिंग स्टाफ की कमी पूरी होगी 

पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डा. मधु खुल्लर का कहना है कि सरकार के इन कदमों से नर्सिंग स्टाफ की कमी पूरी होगी। इससे अस्प्तालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। परिवार कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक डा. बलदेव राज शर्मा का कहना है कि बजट में सरकार नेे स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दी है। इसमें कुछ ऐसी योजनाएं हैं जो कि पहले से चल रही हैं। कैंसर इंस्टीट्यूट का काम चल रहा है। लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए फंड की जरूरत पड़ती है। इसे हर वर्ष बजट में रखना पड़ता है। कई नई योजनाएं भी हें। कठुआ में ड्रग लैब स्थापित होने से सभी दवाइयों की जांच यहीं पर संभव हो जाएगी। अस्पतालों में मूल ढांचे में भी सुधार होगा।

वहीं पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डा. बीएस पठानिया का कहना है कि सरकार को जम्मू-कश्मीर में संक्रामक रोगों के लिए अलग से एक अस्पताल बनाना चाहिए। पिछले कुछ वर्ष में जिस तरह से रोग बढ़े हैं, उसे देखते हुए इस प्रकार के अस्पताल की बहुत जरूरत है। पहले उम्मीद थी कि जम्मू-कश्मीर में अस्पताल मंजूर हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके लिए जमीन भी देखी जा रही थी। उन्होंने कहा कि बजट में जो भी घोषित हुआ है, उसे भी गंभीरता के साथ लागू किया जाना चाहिए। 


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