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पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के समय में हुई नियुक्तियों की जांच करवाई जाए : हर्षदेव

पूर्व राज्यपाल ने जम्मू कश्मीर बैंक में बड़े पैमाने पर पिछले दरवाजे से नियुक्तियां का खुलासा किया था उन नियुक्तियों का क्या हुआ इसकी जानकारी दी जानी चाहिए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:23 PM (IST)
पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के समय में हुई नियुक्तियों की जांच करवाई जाए : हर्षदेव
पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के समय में हुई नियुक्तियों की जांच करवाई जाए : हर्षदेव

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने जम्मू कश्मीर बैंक में पीओ और बैकिंग एसोशिएट की नियुक्तियों को रद्द करने के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के समय में हुई पिछले दरवाजे से नियुक्तियों के मामले की जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि साल 2018 में नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरु की गई। उसके लिए 145000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।

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केंद्रीय स्वायत्त एजेंसी ने पेपर चेक किए थे लेकिन अब नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व गठबंधन सरकार में भाजपा शामिल थी और जम्मू कश्मीर बैंक समेत अन्य विभागों में नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां की गई। पूर्व राज्यपाल ने जम्मू कश्मीर बैंक में बड़े पैमाने पर पिछले दरवाजे से नियुक्तियां का खुलासा किया था, उन नियुक्तियों का क्या हुआ, इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। पूर्व सरकार के समय में ही पुलिस में एसपीओ की भर्ती हुई थी जिसमें भी कथित तौर पर धांधलियां हुई थी। साल 2015-18 के दौरान भाई भतीजावाद को बढ़ावा देते हुए दिहाड़ीदारों की नियुक्तियां की गई। पूर्व जम्मू कश्मीर की विधानसभा में एक पूर्व विधायक के प्रश्न के जवाब में सरकार ने कहा था कि साल 2014 में दिहाड़ीदारों की संख्या 62 हजार थी जो बढ़कर साल 2018 में 100501 हो गई है।

उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय में हुई सभी नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए। सरकार का ध्यान सिर्फ बैंक की नियुक्तियों पर नहीं बल्कि सभी विभागों की नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए। पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन ने यह आरोप भी लगाए कि पीडीपी-भाजपा सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाइ। दाेनों ही पार्टियों के नेताओं व मंत्रियों ने लोगों की समस्याओं को हल करने के बजाय अपनी जेबों को भरने का काम किया। यहां के बेरोजगारों, सरकारी विभागों में लगे अस्थायी कर्मियों से जो वायदे किए गए, वे आज तक जमीनी हकीकत नहीं ले पा रहे हैं। आज भी ये कर्मी स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर दरबदर हो रहे हैं।


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