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PV Sindhu: अब पीवी सिंधु के नाम से जाना जाएगा जम्मू यूनिवर्सिटी का जिम्नेजियम हॉल

जिम्नेजियम हॉल को पीवी सिंधु को समर्पित करते हुए जम्मू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर मनोज धर ने कहा कि इससे युवाओं में भी खेल रूचि बढ़ेगी। पीवी सिंधु किसी परिचय की मोहताज नहीं है। वह खेल जगत का चमकता हुआ सितारा है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 05:47 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 05:47 PM (IST)
PV Sindhu: अब पीवी सिंधु के नाम से जाना जाएगा जम्मू यूनिवर्सिटी का जिम्नेजियम हॉल
देश का गौरव बढ़ाने वाली पीवी सिंधु को मेजर ध्यान चंद खेल रतन अवार्ड और पदमश्री भी मिल चुका है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू यूनिवर्सिटी ने दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु के नाम पर अपने जिम्नेजियम हॉल का नाम रख दिया है। पीवी सिंधु पहली भारतीय खिलाड़ी है जिसने दो ओलंपिक में लगातार दो पदक जीते हैं और देश का गौरव बढ़ाया है।

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भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक हासिल किया था जबकि टोक्यो ओलंपिक 2021 में कांस्य पदक जीता था। पीवी सिंधु विश्व बैडमिंटन चैंपियन भी रह चुकी हैं। बैंडमिंटन में पीवी सिंधु की दुनिया की रैंकिंग की महिला खिलाड़ी भी रही हैं। देश का गौरव बढ़ाने वाली पीवी सिंधु को मेजर ध्यान चंद खेल रतन अवार्ड और पदमश्री सम्मान भी मिल चुका है।

पीवी सिंधु किसी परिचय की मोहताज नहीं है

वहीं जिम्नेजियम हॉल को पीवी सिंधु को समर्पित करते हुए जम्मू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर मनोज धर ने कहा कि इससे युवाओं में भी खेल रूचि बढ़ेगी। पीवी सिंधु किसी परिचय की मोहताज नहीं है। वह खेल जगत का चमकता हुआ सितारा है। जिम्नेजियम हॉल का नाम पीवी सिंधु के नाम पर रखने से यहां पर भी लड़िकयों में भी खेल के प्रति रुचि पैदा होगी। उन्हें भी पता चलेगा कि लड़कियां लड़कों से कम नहीं हैं।

पीवी सिंधु पुलेला गोपीचंद की फैन रही है

पीवी सिंधु हैदराबाद की रहने वाली है और उनके माता-पिता भी वॉलीबाल में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं।  पीवी सिंधु पुलेला गोपीचंद की फैन रही है। उन्हीं को खेलता देख उसने आठ वर्ष की आयु में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था और आज एक महान खिलाड़ी बन गई। पीवी सिंधु अब तक कई खिताब जीत चुकी है। 2009 में सिंधु ने सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था जबकि एक वर्ष बाद उन्होंने ईरान में अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैलेंज में एकल खिताब जीता था।


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