Coronavirus In Jammu : जम्मू में कम हुए कोरोना संक्रमण, डीआरडीओ अस्पताल में तैनात डॉक्टरों को वापस बुलाया
Coronavirus In Jammu कोरोना संक्रमण के मामलों में आई गिरावट के बाद प्रशासन ने 500 बेड क्षमता वाले डीआरडीओ अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को उनके-उनके क्षेत्रों में वापस भेज दिया है। यह आदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक भारद्वाज ने जारी किया है।
जम्मू, जेएनएन : जम्मू संभाग में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई गिरावट के बाद प्रशासन ने 500 बेड क्षमता वाले डीआरडीओ अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को उनके-उनके क्षेत्रों में वापस भेज दिया है। यह आदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक भारद्वाज ने जारी किया है। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से वृद्धि होती है तो फिर से इन डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी।
देश केे दूसरे राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के इरादे से ही 500 बेड क्षमता वाले इन डीआरडीओ अस्पताल व अन्य कोरोना अस्थायी अस्पतालों का निर्माण किया गया था। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज से संबंधित हर उपकरण उपलब्ध कराए गए थे। अब जबकि जम्मू संभाग में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, इसे देखते हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक भारद्वाज ने आदेश संख्या 410JK (HME) 2021 दिनांक 24-अक्टूबर 2021 जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से इन स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात डॉक्टरों को उनके मूल स्थान पर वापस जाने को कहा है।
आपको जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर में कुल 3,33,666 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 3,27,908 मरीज स्वस्थ्य होकर वापस अपने घरों को लौट गए हैं। गत वीरवार को जम्मू-कश्मीर में 177 कोरोना संक्रमित मामले सामने आए। इनमें सबसे अधिक 141 मामले कश्मीर संभाग से जबकि 36 मामले जम्मू संभाग से थे। कश्मीर में भी ये मामले श्रीनगर, बारामुला और बडगाम से हैं।
जम्मू संभाग में मामले कम होने की वजह से अस्थायी तौर पर बनाए गए इन कोरोना अस्पतालों में तैनात मेडिकल स्टाफ व डॉक्टर व्यर्थ बैठे हुए थे। ब्लाक, उपजिला व जिला अस्पतालों में आने वाले मरीजों को अब डॉक्टरों की कमी के कारण परेशानी हो रही है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने इन डॉक्टरों को अपने-अपने क्षेत्रों में वापस भेज दिया है ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।