जम्मू-कश्मीर में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की तैयारी, पर्यटकों के लिए 7 नए ट्रेकिंग रूट खोले गए
Jammu Kashmir Eco Tourism केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद कश्मीर और जम्मू संभागों में स्थित वन विभाग के 29 गेस्ट हाउस और इंस्पेक्शन हट्स की ऑनलाइन बुकिंग कराई जा सकेगी। पर्यटक यह सुविधा 1 मई 2021 से प्राप्त कर सकेंगे।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विभिन्न वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में 7 नए ट्रेकिंग मार्गों के विकास को मंजूरी दी है। सरकार ने वन्यजीव और पर्यटन विभाग के बुनियादी ढांचे के उपयोग को भी मंजूरी दे दी है। पर्यावरण व वन्यजीव में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटक इस दौरान वन विभाग या फिर टूरिज्म विभाग रेस्ट हाउस और इंस्पेक्शन हट्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वह ऑनलाइन इनकी बुकिंग करा सकते हैं।
केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद कश्मीर और जम्मू संभागों में स्थित वन विभाग के 29 गेस्ट हाउस और इंस्पेक्शन हट्स की ऑनलाइन बुकिंग कराई जा सकेगी। पर्यटक यह सुविधा 1 मई 2021 से प्राप्त कर सकेंगे। पर्यटकों के लिए खोले जाने वाले नए ट्रैकिंग मार्ग में बहू संरक्षण अभयारण्य, शुद्धमहादेव संरक्षण अभ्यारण्य, थिन वन्यजीव संरक्षण अभयारण्य, त्राल वन्यजीव अभयारण्य-डाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान-ओवेरा-अरू वन्यजीव अभयारण्य, थजवास वन्यजीव अभयारण्य, खिरयू वन्यजीव संरक्षण अभ्यारण्य-डाचीगाम नेशनल पार्क-खोनमोह संरक्षण अभयारण्य, और खिरयू वाइल्डलाइफ संरक्षण अभयारण्य शामिल हैं।
वन विभाग पहले चरण में इन रेस्ट हाउस की बुकिंग के लिए एक उपयोगकर्ता के अनुकूल ऑनलाइन पोर्टल शुरू करेगा। इसी बीच यदि मांग बढ़ती है और क्षमता बढ़ाने की जरूरत महसूस की जाती है तो एक जुलाई 2021 तक बाकी के 58 रेस्ट हाउस काे भी पर्यटकों की जरूरतों के अनुरूप तैयार कर खोल दिया जाएगा। यह नए सात ट्रेकिंग रूट ऐसे हैं जहां पहले आम नागरिकों और पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं थी। पर्यटक यहां प्रकृति से ओतप्रोत खूबसूरत स्थलों के साथ-साथ यहां स्थित प्राचीन धरोहरों को भी देख पाएंगे।
इससे पहले इन जगहों पर स्थित रेस्ट हाउस केवल वन अधिकारियों के लिए ही आरक्षित थे। केवल आधिकारिक दौरों के दौरान ही इनका उपयोग किया जाता था। अब ट्रेकर्स द्वारा उपयोग किए जाएंगे। आपको बता दें कि यहां छोटे-छोटे ट्रेक से लेकर पर्वतीय ट्रैवर्स का अनुभव भी आप प्राप्त कर सकेंगे। करीब एक सप्ताह तक आप यहां जंगल में डेरा डाल ट्रेकिंग का मजा ले सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लगता है कि इससे जम्मू-कश्मीर टूरिज्म को और बढ़ावा मिलेगा। पर्यावरण, वन्यजीवों और ट्रेकिंग प्रेमी इस अवसर का लाभ उठाने के लिए जम्मू-कश्मीर में अवश्य आएंगे। ये सभी ट्रेक रूट काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इन ट्रेक रूट पर जंगली जीवों, वनस्पतियों के साथ प्राकृतिक वैभव से सुसज्जित हैं। इन ट्रेकिंग मार्गों के विकास से स्थानीय आबादी को भी रोजगार मिलेगा।