Jammu Kashmir : सरकार ने Corona काल में यात्री किरायों में की गई 30% बढ़ोतरी का आदेश वापिस लिया, ट्रांसपोर्टरों में नाराजगी
ट्रांसपोर्ट विभाग के आयुक्त सचिव हृदेश कुमार ने पहली दिसंबर को सरकारी आदेश संख्या नंबर 62 जेके टीआर जारी करते हुए आदेश दिया कि कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए गत 22 जून 2020 के उस सरकारी आदेश को वापिस लिया जाता है
जम्मू, जागरण संवाददाता । सरकार ने 162 दिनों के उपरांत ही कोरोना काल में 30 प्रतिशत यात्री किराया बढ़ाए जाने के बदले 67 प्रतिशत सवारियों को बैठाने की अनुमति दिए जाने वाले आदेश को वापस ले लिया है। इसके साथ ही अब दो दिसंबर से यात्री वाहनों में सफर करने वालों को अब फिर से पुराना किराया ही अदा करना पड़ेगा।
ट्रांसपोर्ट विभाग के आयुक्त सचिव हृदेश कुमार ने पहली दिसंबर को सरकारी आदेश संख्या नंबर 62 जेके टीआर जारी करते हुए आदेश दिया कि कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए गत 22 जून 2020 के उस सरकारी आदेश को वापिस लिया जाता है जिसमें तयशुदा सवारियों के साथ 30 प्रतिशत यात्री किरायों में बढ़ोतरी की गई थी। अलबत्ता अब 22 जून से पहले सरकार की ओर से निर्धारित किराया ही वसूला जाएगा। इस आदेश में साफतौर जिक्र किया गया है कि अगर किसी ने इस आदेश की अवहेलना की और यात्रियों से 30 प्रतिशत बढ़ाए हुए किराये के स्थान पर पुराना किराया नहीं वसूला जो उसके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्टर 1998 और सेंट्रल मोटर व्हीकल रुल्स 1989 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यहां यह बताना जरूरी है कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोरोना महामारी के दौरान ट्रांसपोर्टर यात्री किराया बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। हालांकि इस दौरान ट्रांसपोट्ररों ने सरकार के खिलाफ धरने और प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन चक्का जाम भी किया था। इसके उपरांत ही गत 22 जून को सरकार द्वारा यात्री किरायों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के फैसले के उपरांत ही जम्मू-कश्मीर में करीब 95 दिनों के बाद यात्री वाहन दौड़े थे। बसों को 67 फीसद सवारियां और मिनी बसों को 50 प्रतिशत सवारियां बैठाने की अनुमति थी।
इसी बीच मिनी बस वर्कर्स यूनियन के प्रधान विजय सिंह चिब ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जारी कोरोना काल में अभी भी सवारियां यात्री वाहनों में बैठने से परहेज कर रही हैं। ऐसे में सरकार ने 30 प्रतिशत बढ़ाए हुए किराये के आदेश को वापिस लेकर ट्रांसपोर्टरों के साथ सरासर अन्याय किया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल्द ही ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक की जाएगी और आंदोलन की आगामी रूपरेखा तैयार होगी। ऐसा भी संभव है कि एक बार फिर से प्रदेश में यात्री वाहनों के चक्के अनिश्चितकाल के लिए जाम हो सकते हैं।