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हर जिले की हस्तकला से जुड़े कारीगरों का पंजीकरण करेगी सरकार

जम्मू-कश्मीर के हर जिले की हस्तकला की अपनी विशेषता है और हर जिले में इससे जुड़े कारीगर हैं। उन्हें सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन नहीं मिलता।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 05:43 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 05:43 AM (IST)
हर जिले की हस्तकला से जुड़े कारीगरों का पंजीकरण करेगी सरकार
हर जिले की हस्तकला से जुड़े कारीगरों का पंजीकरण करेगी सरकार

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर के हर जिले की हस्तकला की अपनी विशेषता है और हर जिले में इससे जुड़े कारीगर हैं। उन्हें सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन नहीं मिलता। हस्तकला से जुड़े इन कारीगरों को उनकी विशेषता अनुसार उभारने व उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए उचित मंच प्रदान करने के लिए सरकार ने अब इनका पंजीकरण करने का फैसला लिया है। उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर खान ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को अपने-अपने जिले के कारीगरों का, उनकी विशेषता आधार पर पंजीकरण करने के निर्देश दिए है।

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बसीर खान ने कहा है कि प्रदेश के हर जिले की हस्तकला व हथकरघा की अपनी विशेषता है और कुछ लोग इनसे जुड़े हैं, लेकिन उचित मंच न मिलने के कारण उनके उत्पादों को बाजार नहीं मिलता। ऐसे में जरूरी है कि इन कारीगरों का उनकी हस्तकला व हथकरघा की विशेषता के आधार पर पंजीकरण किया जाए। इससे सरकार के पास एक उचित आंकड़ा आ जाएगा, जिससे इनके प्रोत्साहन के लिए विशेष योजना पर काम संभव हो पाएगा। बसीर खान ने मंगलवार को हैंडीक्राफ्ट व हैंडलूम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान ये दिशा निर्देश दिए। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे मेले आयोजित करने की सलाह प्रदेश के इन कारीगरों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील करते हुए बसीर खान ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थानों को चिह्नित करके यहां मेले आयोजित करने की सलाह भी दी। प्रदेश के पारंपरिक कारीगरों के कौशल को विकसित करने के लिए बसीर खान ने विशेष कौशल विकास कार्यक्रम चलाने तथा इसके लिए कुछ संस्थानों को साथ लाने की सलाह दी। बैठक के दौरान मौजूद उद्योग व वाणिज्य विभाग के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि हस्तकला व हथकरघा उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने इनकी ऑनलाइन बिक्री शुरू की है और इसके लिए कुछ पोर्टल के साथ समझौता भी किया गया है।


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