निजी स्कूलों की ट्यूशन फीस निर्धारित करे सरकार
इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन के चेयरमैन एडवोकेट पीएस चिब ने भारत के गृहमंत्री जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से मांग की है कि वे स्कूलों की ट्यूशन फीस को निर्धारित करें।
जागरण संवाददाता, जम्मू : इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन के चेयरमैन एडवोकेट पीएस चिब ने भारत के गृहमंत्री, जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से मांग की है कि वे स्कूलों की ट्यूशन फीस को निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच निजी स्कूल फीस भी ले रहे हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा रहे फिर भी कुछ स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा भी अभिभावकों से पैसे ले रहे हैं। उन्होंने खुशी जताई कि करीब 95 प्रतिशत स्कूल अभिभावकों की परेशानी समझ रहे हैं। वे करीब एक हजार रुपये फीस ले रहे हैं। शिक्षा विभाग को भी पता है कि इस अधिकतर अभिभावकों की आर्थिक हालत ठीक नहीं रह गई है। कई की नौकरी जा चुकी हैं तो कुछ को आधा वेतन मिल रहा है। बहुत लोगों के कामकाज ठप हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। लोगों को बोलने का अधिकार है। लिहाजा हम अपनी सरकार से मांग कर रहे हैं कि ट्यूशन फीस भी निर्धारित कर दी जाए। उन्होंने राजनीतिक पार्टियों से भी पूछा कि वे अभिभावकों के साथ इस मुश्किल की घड़ी में क्यों खड़ी नहीं हो रहीं। सिर्फ वोट बैंक की राजनीति नहीं करनी चाहिए। आम लोगों की समस्याएं भी समझनी चाहिए। उन्होंने ज्यादा फीस वसूलने वाले स्कूलों की मान्यता रद करने की भी मांग की। उन्होंने शिक्षा विभाग के ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जो लोगों की आवाज को दबा रहे हैं।