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खेल नीति बनाने के लिए वरिष्ठ खिलाड़ियों की भी राय ले सरकार

जम्मू-कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस (जेकेपीवाईसी) ने उपराज्यपाल से कहा है कि खेलों के उत्थान के लिए जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द खेल नीति की घोषणा करे। खेल नीति बनाने में सरकार को वरिष्ठ खिलाड़ियों के भी सुझाव लेने चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 06:00 AM (IST)
खेल नीति बनाने के लिए वरिष्ठ खिलाड़ियों की भी राय ले सरकार
खेल नीति बनाने के लिए वरिष्ठ खिलाड़ियों की भी राय ले सरकार

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस (जेकेपीवाईसी) ने उपराज्यपाल से कहा है कि खेलों के उत्थान के लिए जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द खेल नीति की घोषणा करे। खेल नीति बनाने में सरकार को वरिष्ठ खिलाड़ियों के भी सुझाव लेने चाहिए। जरूरी है कि जम्मू-कश्मीर के लिए पदक जीतने वाले और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों के लिए इनामी राशि शुरू की जाए। जेकेपीवाईसी के अध्यक्ष उदयभानु चिब ने शनिवार को एक कार्यक्रम में जूडो नेशनल चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले जम्मू-कश्मीर के चार खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए ये बातें कहीं। गौरतलब है कि शुक्रवार को जम्मू के एमए स्टेडियम में हुई राष्ट्रीय जिम्नास्टिक प्रतियोगिता के समापन समारोह में उपराज्यपाल ने एक माह के अंदर जम्मू कश्मीर की खेल नीति लाने की घोषणा की थी।

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शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में जिन खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया, उनमें स्टेट जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले अक्षय और सब जूनियर नेशनल जूडो चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ी शामिल हैं। केविन को स्टेट स्केटिग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और इशिका को स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर सम्मानित किया गया। उदयभानु चिब ने हेड कोच सूरजभान सिंह और बीएसएफ कोच रामेश्वर सिंह जम्वाल को भी सम्मानित किया। इस मौके पर स्पो‌र्ट्स सेल जेकेपीवाईसी के अध्यक्ष रणजोत सिंह, एवाईसी अध्यक्ष सनी जट्ट भी उपस्थित थे। जम्मू कश्मीर के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ी झेल रहे बेरोजगारी का दंश

उदयभानु चिब ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी आधुनिक विचारों वाले नेता थे। उन्होंने युवाओं को विज्ञान और तकनीक का ज्ञान हासिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि दुख कि बात है कि आज तक जम्मू-कश्मीर में कोई खेल नीति नहीं बन पाई है। लाखों रुपये किट और फिटनेस पर खर्च किए जाते हैं। प्रतियोगिताओं के आयोजन तक के पैसे खिलाड़ियों से वसूले जाते हैं। हालत यह है कि स्टेडियम में अभ्यास के लिए आने वाले खिलाड़ियों को एंट्री फीस भरनी पड़ती है। खिलाड़ियों को मिलने वाला रेलवे कंसेशन तक बंद कर दिया गया। हालत यह है कि जम्मू कश्मीर के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ी बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं और सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है। दूसरे राज्यों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को लाखों रुपये बतौर इनामी राशि मिलती है, लेकिन यहां खिलाड़ियों को सारा खर्च घर से करना पड़ता है। जम्मू-कश्मीर के लिए पदक जीतने वाले हर खिलाड़ी को सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर में उत्कृष्ट योगदान देने वाले खिलाड़ियों को एसआरओ 349 के तहत सरकारी नौकरी मिलती थी, लेकिन अब उनकी उपेक्षा हो रही है।


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