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जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाकों में स्थिति सामान्य, घाटी में 10 थानांतर्गत लगी है पाबंदियां

सभी व्यापारियों उद्योगपतियों आम लोगों को आतंकियो और अलगाववादियों से डरने की कोई जरुरती नहीं है। उन्हें बेखौफ होकर अपनी सामान्य दिनचर्या व कामकाज को पूरी तरह बहाल करना चाहिए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 02:53 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:13 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाकों में स्थिति सामान्य, घाटी में 10 थानांतर्गत लगी है पाबंदियां
जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाकों में स्थिति सामान्य, घाटी में 10 थानांतर्गत लगी है पाबंदियां

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाकों में स्थिति पूरी तरह सामान्य हो चुकी है। सिर्फ वादी में 10 थानांतर्गत इलाके ही ऐसे हैं जहां थोड़ी बहुत पाबंदियां रह गई हैं। लैंडलाइन सेवाएं पूरी तरह बहाल चुकी हैं। अगर किसी जगह पाबंदियों से आम लोगों को दिक्कत आती है तो उनकी पूरी मदद की जाती है। बीते 10 दिनों में सभी शिक्षण संस्थान भी खुल चुके हैं। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी चल रही है।

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यह जानकारी भी राज्य सरकार के प्रवक्ता व प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने पत्रकारों को संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर रोक से छात्रों, व्यापारियों, ठेकेदारों, सरकारी कर्मियो को पेश आने वाली दिक्कतों के हल के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक से दो स्थानों पर 25 टर्मिनल पर आधारित इंटरनेट कैफे बनाए गए हैं। हवाई सेवाएं भी पूरी तरह सामान्य हैं। हवाई जहाज के जरिए यात्रा करने वालों के लिए टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर पर सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस टिकट बुकिंग काउंटर भी स्थापित किए गए हैं।

रियासत में शांति और सुरक्षा का माहौल बनाए जाने की संकल्पबद्धता को दोहराते हुए रोहित कंसल ने कहा कि हम विघटनकारी तत्वों की हर साजिश को नाकाम बनाएंगे। आम लोगों के जानमाल की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सभी व्यापारियों, उद्योगपतियों, ट्रांस्पोर्टरों, दुकानदारों, होटल मालिकों व ठेकेदारों को आतंकियो और अलगाववादियों से डरने की कोई जरुरती नहीं है। उन्हें बेखौफ होकर अपनी सामान्य दिनचर्या व कामकाज को पूरी तरह बहाल करना चाहिए। अगर कोई शरारती तत्व उन्हें तंग करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

आम लोगों की सुरक्षा के लिए लगी थी पाबंदियां

कंसल ने कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित करने के केंद्र सरकार के फैसले के मददेनजर पूरे राज्य में पाबंदियों को यहां सुरक्षा और कानून व्यवस्था का माहौल बनाए रखने के लिए ही लगाया गया था। आतंकी व अलगाववादी किसी तरह की यहां गड़बड़ी न कर सकें, किसी तरह का जानी नुक्सान न हो, यही सरकार का मकसद है। वर्ष 2008, 2010 व 2016 के दौरान यहां जो कुछ हुआ है, उससे सबक लेते हुए इसबार यह कदम उठाए गए हैं। इसका फायदा भी हुआ है और राज्य में कहीं भी आम लोगों के जान-माल को अनावश्यक क्षति नहीं पहुंची है।

शांति, सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों व लाेगों को सराहा

राज्य सरकार के प्रधान सचिव ने कहा कि पांच अगस्त के बाद से जिस तरह से लोगाें ने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाने रखने व आतंकियाें के मंसूबो को नाकाम बनाने में सहयोग किया है, उससे ही किसी निर्दोष नागरिक की जान नहीं गई है। इसके लिए जम्मू कश्मीर के लोगों और सुरक्षाबलों को बधाई। यह जनता के सहयोग से ही संभव है कि आज यहां हालात लगभग सामान्य हो चुके हैं।

चरणबद्ध तरीके से होगी राजनीतिज्ञों की रिहाई

हिरासत में लिए गए राजनैतिज्ञों की रिहाई के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में कंसल ने कहा कि नजरबंद नेताओं को संबधित कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए हालात में सुधार और सबंधित परिस्थितियों की समीक्षा के आधार पर चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जाएगा।


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