Jammu Kashmir: सरकार का फरमान-सीआइडी वेरिफिकेशन के बिना तैनात नए कर्मियों के वेतन, भत्ते बंद
Jammu Kashmir Government वरिष्ठ अधिकारियों को उनके विभागों में तैनात ऐसे नए कर्मचारियों का तय फार्मेट में ब्योरा देना होगा। इसमें उनका नाम पता उनके माता-पिता के नाम जन्मप्रमाण पत्र स्थाई पता जैसी जानकारियां लिखित में देना होगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में सरकारी विभागों में तैनात संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले कर्मचारियों पर अब नजर रखी जा रही है। देश विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देने की शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने बीते दो साल के भीतर नियुक्त हुए कर्मचारियों की सीआइडी वेरिफिकेशन करवाने का फैसला लिया है। सरकार ने ऐसे कर्मचारियों का वेतन, भत्ते बंद करने के आदेश जारी किए हैं जिन्हें सीआइडी क्लीयरेंस नहीं मिली हैं। भविष्य में विभागों में नए कर्मचारियों की तैनाती से पहले सीआइडी वेरिफिकेशन सुनिश्चित जरूरी होगी।
जम्मू कश्मीर में कुछ संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले नए कर्मियों की तैनाती संबंधी जानकारी मिलने के बाद सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, डिविजनल कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों व विभागों के अध्यक्षों, सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों से नई नियुक्तियों का रिकार्ड मांगा है।
उनसे कहा है कि वे ऐसे कर्मचारियों का पूरा ब्योरा दिया जाए जो सीआइडी वेरिफिकेशन न होने के बाद भी नौकरी कर रहे हैं। सरकार ने सीआइडी विभाग से मिलकर कार्ययोजना बनाई है। वरिष्ठ अधिकारियों को उनके विभागों में तैनात ऐसे नए कर्मचारियों का तय फार्मेट में ब्योरा देना होगा। इसमें उनका नाम पता, उनके माता-पिता के नाम, जन्मप्रमाण पत्र, स्थाई पता जैसी जानकारियां लिखित में देना होगा।
नए कर्मचारियों के मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस, इंटरनेट मीडिया अकाउंट के बारे में पूरा जिक्र करना होगा। सरकारी विभागों के संबंधित अधिकारियों को हाल ही में तैनात नई कर्मचारियों के बारे में सारा लेखा-जोखा एसएसपी सीआइडी को ई मेल से भेजना होगा।
अधिकारियों को यह सारी जानकारी सरकारी ईमेल अकाउंट के माध्यम से भेजी जाएगी ताकि पूरी कार्रवाई के दौरान साइबर सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। जम्मू कश्मीर सरकार का आदेश आयुक्त सचिव मनोज कुमार दिवेद्धी की ओर से जारी किया गया है।
गौरतलब है कि सरकार को कुछ सरकारी कर्मियों के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले हैं कि वे देश विरोधी विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं। आरोप है कि ये सरकारी कर्मी विभिन्न विभागों में तैनात रहकर अपने एजेंड़े को आगे फैला रहे हैं। सरकार को इस संबंध में कई शिकायतें मिली हैं।