जम्मू-कश्मीर में उद्योग को पटरी पर लाने के लिए सरकार कर रही विचार, जल्द होगा बड़े वित्तीय पैकेज का एलान
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाबलों के वाहनों की आवाजाही के दौरान लगने वाले ट्रैफिक जाम से जन साधारण को पेश आने वाली दिक्कतों पर उन्हाेंने कहा कि मुझे कुछ समय दीजिए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में उद्योग एवं वाणिज्य जगत को पुन: पटरी पर लाने के लिए एक सप्ताह के भीतर केंद्र सरकार किसी बड़े वित्तीय पैकेज का एलान कर सकती है। जम्मू कश्मीर अर्थव्यवस्था और व्यापारिक क्षेत्र बीते कुछ सालों से लगातार मंदी की मार झेल रहा था, इसकी बेहतरी के लिए , पैकेज की रुपरेखा तैयार करने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
यह जानकारी केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ व्यापारिक जगत की बेहतरी के लिए ही नहीं ग्रामीण अंचलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए गांव की ओर कार्यक्रम का तीसरा चरण शुरु करने के साथ ही प्रत्येक पंचायत को विकास कार्याें के लिए 10-10 लाख रुपये की राशि दी गई है। आज यहां राजभवन के ऑडिटोरियम में पत्रकारों से बातचीत में उपराज्यपाल ने विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा, विश्वास, शांति और विकास का वातावरण बनाना ही हमारा लक्ष्य है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
अमशीपोरा मुठभेड़ पर बोले राज्यपाल: हिंसा असहनीय है, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। शोपियां के अमशीपोरा में 18 जुलाई का हुई मुठभेड़ की जांच जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन और सेना द्वारा अलग-अलग की जा रही है। इस मामले का हर तथ्य सार्वजनिक किया जाएगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा, प्रदेश प्रशासन न्याय को सुनिश्चित बनाएगा। उल्लेखनीय है कि 18 जुलाई को अमशीपोरा शोपियां मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को लेकर कहा जाता है कि वे जिला राजौरी के रहने वाले तीन सामान्य श्रमिक थे। सेना के जवानों ने उन्हें कथित तौर पर एक फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया है। उपराज्यपाल ने कहा हम पीड़ित परिवारों को पूरा न्याय देंगे, अगर आरोप सही पाए गए तो दाेषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई तय है।
जम्मू-कश्मीर ने हर क्षेत्र में नुकसान-बर्बादी को झेला है: केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने संबंधी उपायों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उपराज्यपाल ने कहा कि बीते एक साल के दौरान जम्मू-कश्मीर में सिर्फ उद्योग एवं व्यापार जगत ही प्रभावित नहीं हुआ है। बीते 15-20 सालों के दौरान जम्मू कश्मीर में हरेक क्षेत्र ने नुकसान और बर्बादी को झेला है। उद्योग एवं वाणिज्य जगत से जुड़ी गतिविधियों की पुर्नबहाली के उपायों का पता लगाने और रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक समिति बनायी गई थी। समिति अपनी रिपोर्ट देे चुकी है। इस पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। मेरा मानना है कि एक सप्ताह के भीतर ही एक बड़े पैकेज क एलान होने जा रहा है। प्रस्तावित पैकेज सिर्फ व्यापारिक क्षेत्र को ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र को मजबूत बनाने में समर्थ होगा।
हाईवे पर लगने वाले जाम से भी जल्द मिलेगी निजात: राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाबलों के वाहनों की आवाजाही के दौरान लगने वाले ट्रैफिक जाम से जन साधारण को पेश आने वाली दिक्कतों पर उन्हाेंने कहा कि मुझे कुछ समय दीजिए। मैं इस मामले काे हल करने के बाद जल्द ही आपसे बात करुंगा। एक जवाबदेय, कर्मठ और जनता के प्रति पूरी तरह संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराने की अपनी संकल्पबद्धता काे दोहराते हुए उपराज्यपाल मनाेज सिन्हा ने कहा कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में प्रांत अौर सब डिवीजन स्तर पर हर सप्ताह बुधवार को एक जनता दरबार आयोजित किया जाएगा। इसमें मंडलायुक्त और जिला उपायुक्त आम लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका उचित समय में हल सुनिश्चित बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यह दरबार क्रमानुसार हाेंगे। पहले सप्ताह मंडलायुक्त प्रांतीय/ मंडल स्तर पर जनता की समस्याएं सुनेंगे और अगले बुधवार को वह सब डीविजन स्तर पर आयोजित जनता दरबार में मौजूद रहेंगे।उन्होंने कहा कि तीन माह तक मंडल और उपमंडल स्तर पर आयोजित जनता दरबार की निरंतर निगरानी होगी। इसके बाद हम यह जनता दरबार ब्लाक स्तर पर आयोजित करेंगे।
हमारा मकसद जम्मू कश्मीर में प्रत्येक गांव काे एक आदर्श गांव बनाना: महात्मा गांधी की जयंती पर दो अक्तूबर से प्रदेश में शुरु किए जा रहे गांव की ओर(बी2वी) कार्यक्रम के तीसरे चरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यह बताना चाहूां कि प्रत्येक पंचायत हल्के को विभिन्न विकास कार्याें के लिए 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे। यह राशि पंच-सरपंच स्थानीय विकास कार्याें की प्राथमिकता तय करते हुए खर्च करेंगे। प्रशासकीय अधिकारी सिर्फ काम को चिन्हित करने व प्रशासकीय औपचारिकताओं को पूरा करने में सहयोग करेंगे,अन्य सभी कार्य पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा ही किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद जम्मू कश्मीर में प्रत्येक गांव काे एक आदर्श गांव बनाना चाहते हैं।