Jammu Kashmir: सरकार कर रही कश्मीरी पंडितों की अनदेखी, नहीं बढ़ा रही मासिक राहत राशि
मंगलवार को जगटी टेनिमेंट कमेटी एंड सोन कश्मीर के सदस्यों ने नगरोटा के जगटी में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि पिछले 31 साल से वे अपने पैतृक घरों से बाहर हैं
जम्मू, जागरण संवाददाता । विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार कश्मीरी पंडितों के मसलों को हल करने के लिए गंभीर नहीं दिख रही। मासिक राहत में बढ़ोतरी को लेकर जगटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों का आंदोलन 103वें दिन में प्रवेश कर गया है। लेकिन केंद्र सरकार इनके मसले सुलझाने को तैयार नहीं है।
मंगलवार को जगटी टेनिमेंट कमेटी एंड सोन कश्मीर के सदस्यों ने नगरोटा के जगटी में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि पिछले 31 साल से वे अपने पैतृक घरों से बाहर हैं और अब विस्थापित कालोनियों में रहने को मजबूर हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक इन कश्मीरी पंडितों की सुनवाई ही नहीं की है।
जगटी में नारेबाजी करते हुए कश्मीरी पंडितों ने सड़क पर धरना प्रदर्शन किया। मौके पर संबोधित करते हुए जगटी टेनिमेंट कमेटी के प्रधान शादीलाल पंडिता ने कहा कि हम पहले ही अपने घरों व अपनी जायदाद से दूर हुए पड़े हैं। इन लोगों को सहारा दिया जाना चाहिए जोकि विस्थापित बन अपना जीवन गुजार रहे हैं। सरकार प्रति परिवार 13 हजार रुपये की मासिक सहायता दे रही है। बार बार कहा जा चुका है कि इस रकम से विस्थापित परिवार का गुजारा नहीं होता। मगर सरकार हमारी बात सुनने को तैयार ही नही। राहत राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपये तक की जानी चाहिए। मगर ऐसा लगता है कि सरकार हमें तंगी की हालत में ही जीवन यापन करते हुए देखना चाहती है।
आरके टिक्कू ने कहा कि अब विस्थापन के दौर से हमें बाहर निकाला जाए। हर विस्थापित परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए जिससे यह लोग अपने पैरों पर खड़ा हो सकें। अगर मांगे नही मानी गई तो हम आंदोलन का रुख और कड़ा करने के लिए मजबूर हो जाएंगे । मौके पर सीएल कौल, आरके टिक्कू, जेएल कौल, विजय सूरी, गुरमीत सिंह, मोहम्मद खान, संजय शर्मा, सतीश पंडिता आदि उपस्थित थे।