अलविदा घराना: विदेशी मेहमान परिंदों ने भरी प्रजनन मैदानों की ओर उड़ान
ब्लाक अधिकारी धीरेंद्र रामपाल का कहना है है कि यह प्रकृति का ही निजाम है कि सर्दियों में दूर दूर के ठंडे पठारों से हजारों मील का सफर तय कर प्रवासी पक्षी घराना वेटलैंड की ओर आते हैं और अपना समय गुजारते हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता: पिछले साढ़े तीन माह तक घराना वेटलैंड में चहलकदमी कर रौनक बढ़ाने वाले विदेशी मेहमान परिंदों ने अब घराना को अलविदा कह दिया है। मौसम में बदलाव आते ही 80 फीसद पक्षी वेटलैंड को छोड़ कर अपने प्रजनन मैदान की ओर प्रवास कर चुके हैं।
महज कुछ ही परिंदें घराना वेटलैंड पर बाकी हैं जोकि अगले चंद ही दिनों में रुखसत कर जाएंगे। परिंदों के वापिस लौटने से घराना वेटलैंड फिर सूना सा हो गया है। हालांकि अभी भी सौ के करीब चेता बतख 40 से 50 सिरपट्टी सवन, 4-5 सिलेटी सवन, 20-25 तिद्दारी, दर्जन भर सींख पर व कुछ एक जल मर्गाबी व छोटा लाल सिर बतखें घराना वेटलैंट के तालाब में अठखेलियां करती हुई दिख जाती हैं, लेकिन दिन प्रतिदिन इन बचे परिंदों की रौनक भी घटती जाएगी और यह परिंदे गायब होते जाएंगे।
इस साल सिरपट्टी सवन पक्षियों का अच्छा नजारा घराना में जुटा। हालांकि पिछले बरसों के अपेक्षाकृत इन पक्षियों की संख्या कुछ कम रही, लेकिन इन्होंने लंबा समय घराना में गुजारा। इनके साथ ग्रेटर व्हाइट फ्रंटेट गूज व सिलेटी सवन की संख्या भी इस बार काफी अच्छी रही। कमाल तो चेता बतख का रहा जोकि पहले बड़ी मुश्किल से घराना में दिखती थी। अब बार इनकी संख्या सौ को भी पार कर गई और अभी के समय में इन्ही पक्षियों की रंगत से घराना खिला हुआ है।
ब्लाक अधिकारी धीरेंद्र रामपाल का कहना है है कि यह प्रकृति का ही निजाम है कि सर्दियों में दूर दूर के ठंडे पठारों से हजारों मील का सफर तय कर प्रवासी पक्षी घराना वेटलैंड की ओर आते हैं और अपना समय गुजारते हैं। फिर यहां पर गर्मियां आते ही यह पक्षी अपने प्रजजन मैदानों की ओर फिर बढ़ जाते हैं। इस साल अच्छी परिंदों का मेला जहां पर जुटा।