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Militancy in Kashmir: एलओसी के पार 250-300 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार, सेना सतर्क

साही ने कहा कि अगले दो सप्ताह के भीतर ये आतंकवादी घुसपैठ का प्रयास करेंगे। पाकिस्तानी सेना भी आतंकवादियों की घुसपैठ में पूरी मदद करेगी। वह भारतीय सेना का ध्यान भटकाने के लिए आने वाले दिनों में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी का सिलसिला बढ़ा सकती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 06:14 PM (IST)
Militancy in Kashmir: एलओसी के पार 250-300 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार, सेना सतर्क
अगले दो हफ्तों में घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन में वृद्धि हो सकती है।

श्रीनगर, जेएनएन: जम्मू-कश्मीर में दिन-प्रतिदिन बदलते हालात हमारे पड़ोसी देश और राष्ट्र विरोधी तत्वों को रास नहीं आ रहे हैं। प्रदेश में आतंकवादियों की कम होती संख्या से परेशान सीमा पार बैठे आतंकी संगठनाें के आका एलओसी पार लांचिंग पैड से आतंकियों की घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं। सेना को यह पुख्ता जानकारी मिली है कि इन लांचिंग पैड पर 250 से 300 आतंकी मौजूद हैं।सुरक्षा एजेंसियों की इस सूचना के बाद सेना ने भी नियंत्रण रेखा पर सख्ती बढ़ा दी है।

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जनरल ऑफिसर कमांडिंग काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स (किलो) मेजर जनरल एचएस साही ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी पुख्ता जानकारी मिली है कि 250-300 आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार लॉन्चिंग पैड से घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं।

साही ने कहा कि इनपुट के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अगले दो सप्ताह के भीतर ये आतंकवादी घुसपैठ का प्रयास करेंगे। पाकिस्तानी सेना भी आतंकवादियों की घुसपैठ में पूरी मदद करेगी। वह भारतीय सेना का ध्यान भटकाने के लिए आने वाले दिनों में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी का सिलसिला बढ़ा सकती है। मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। आतंकवादी इसका भी पूरा फायदा उठा सकते हैं परंतु मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सेना उन्हें लाइन पार करने की अनुमति नहीं देगी।

आपको जानकारी हो कि रक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि अगले दो हफ्तों में घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन में वृद्धि हो सकती है।

आपको जानकारी हो कि रक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि अगले दो हफ्तों में घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन में वृद्धि हो सकती है। साही ने बताया कि लगभग 30 आतंकवादी इस साल घुसपैठ करने में कामयाब रहे, जबकि पिछले साल यह संख्या 130 थी। जवानों की सतर्कता की वजह से ही हम काफी हद तक संख्या को नीचे लाने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि चेतावनी के बाद सीमाओं को पूरी तरह से सुरक्षाबलों द्वारा सील कर दिया गया है।


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