जीएमसी समेत सभी सहायक अस्पतालों में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण सुविधा
प्रिंसिपल ने कहा कि ई-अस्पताल प्रोजेक्ट चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाए ताकि इसे लागू करने में कोई परेशानी न हो मरीजों को भी इसका जल्द ही लाभ मिल सके। उन्होंने सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की टीम को भी जीएमसी और सहायक अस्पतालों में आकर सुविधाओं का जायजा लेने को कहा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू तथा सहायक अस्पतालों में मरीजों के लिए ओपीडी में ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। इन अस्पतालों में ई-अस्पताल योजना को लागू करने के लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं। मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ शशि सूदन ने भी हॉस्पिटल इन्फारमेशन एंड मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा की। प्रिंसिपल ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे अस्पतालों में ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण के लिए जल्द ही प्रयास करें।
उन्होंने अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और उन्हें छुट्टी देने की पूरी प्रक्रिया को भी ऑनलाइन करने पर जोर दिया। बैठक में प्रिंसिपल को बताया गया कि अभी अस्पतालों के सभी विभागों में ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू करना आसान नहीं है। कुछ विभागों में यह सुविधा शुरू करने के लिए पर्याप्त ढांचा उपलब्ध नहीं है। इस पर प्रिंसिपल ने सभी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिए कि वे ऑनलाइन पंजीकरण के लिए जरूरी ढांचा उपलब्ध करवाएं। इसके लिए जो भी जरूरत है, उसकी तुरंत जानकारी दें।
प्रिंसिपल ने कहा कि ई-अस्पताल प्रोजेक्ट चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाए ताकि इसे लागू करने में कोई परेशानी न हो और मरीजों को भी इसका जल्द ही लाभ मिल सके। उन्होंने सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की टीम को भी जीएमसी और सहायक अस्पतालों में आकर सुविधाओं का जायजा लेने को कहा। प्रिंसिपल ने मेडिकल कालेज के सभी रिकार्ड को डिजिटलाइज करने के भी निर्देश दिए। इसमें ई-लैब, मानव संसाधन प्रबंधन, कैश लैस भुगतान शामिल हैं।
यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत शुरू हो रहा है। इसमें मरीजों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं ऑनलाइन देने का प्रस्ताव है। मरीज अपने घर में बैठ अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन देख सकते हैं। यह भी नहीं इसके तहत अस्पतालों में कौन से ग्रुप का कितना ब्लड है, इसकी जानकारी भी मरीजों को घर बैठे मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए बनी कमेटी के चेयरमैन नगेंद्र सिंह जम्वाल का कहना है कि इसे लागू करने के लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध होगी।