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उपेक्षा से आहत गुलाम नबी आजाद ने चुनाव समितियों से खुद को किया अलग

Ghulam Nabi Azad. जम्मू-कश्मीर में चुनावी तैयारी और संगठन में उपेक्षा से आहत पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद खिन्न नजर आ रहे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 11:13 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 11:44 AM (IST)
उपेक्षा से आहत गुलाम नबी आजाद ने चुनाव समितियों से खुद को किया अलग
उपेक्षा से आहत गुलाम नबी आजाद ने चुनाव समितियों से खुद को किया अलग

जम्मू, नवीन नवाज। लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व राज्य कांग्रेस में खींचतान सतह पर आ गई है। राज्य में चुनावी तैयारी और संगठन में उपेक्षा से आहत पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद खिन्न नजर आ रहे हैं। इसके साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव से लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा गठित कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। आजाद ने इस्तीफे का कारण अपनी राज्य के बाहर अन्य जिम्मेदारियों को बताया है। वहीं, पार्टी के सूत्र बता रहे हैं कि प्रदेश कार्यसमिति और पार्टी संगठन में सब ठीक नहीं चल रहा है।

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पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा

संगठन में बहुत दिनों से सब ठीक नहीं चल रहा था। आजाद समर्थक धीरे-धीरे किनारे होते जा रहे थे। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर में चुनाव अभियान, समन्वय, मीडिया और प्रचार समितियों का गठन किया है। प्रत्येक समिति में आजाद को शामिल किया है। किसी भी समिति की कमान उनके हाथ में नहीं है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर और अंबिका सोनी इन समितियों को कमान कर रही है। दशकों तक प्रदेश में पार्टी का चेहरा रहे राज्यसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की अनदेखी पर पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं सियासत के जानकार स्तब्ध थे। इससे कयास लगाए जाने लगे कि अब जम्मू-कश्मीर की सियासत में आजाद पार्टी का चेहरा नहीं होंगे। राहुल नए चेहरे के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।

पार्टी में घट राह आजाद का कद 

इसे आजाद के कांग्रेस में घटते कद और कम होती अहमियत के तौर पर देखा जा रहा है। वह अब पहले की तरह कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं गिने जाते। खुद उन्होंने चार माह पहले कांग्रेस की संगठनात्मक गतिविधियों में उपेक्षा को सार्वजनिक करते हुए कहा था कि आजकल कांग्रेस का कोई भी नेता उन्हें रैलियों व चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाता। वहीं कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि समितियों में आजाद ही नहीं उनके करीबियों को भी ज्यादा तरजीह नहीं मिली है।

यह कहा आजाद ने

गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को समितियों से अलग होने का एलान करते हुए कहा कि मैं पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी कई समितियों का सदस्य हूं। राज्यस्तरीय समितियों में अपना नाम आने से मैं खुद हैरान हूं। मुझे तो पता भी नहीं था कि मुझे जम्मू कश्मीर के लिए गठित समितियों में शामिल किया है। मुझसे पूछे बिना ही सदस्य बनाया गया है। मैं इन समितियों का सदस्य बनने से इन्कार करता हूं।

समर्थक लामबंद

प्रदेश कांग्रेस में आजाद के खास कहे जाने वाले पूर्व सांसद मदन लाल शर्मा, पूर्व विधायक शाम लाल शर्मा, पूर्व विधायक जीएम सरुरी और अन्य ने विभिन्न जिला इकाइयों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिवों ने शनिवार को जम्मू में बैठक बुलाई। इसमें इन लोगों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेसाध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वह आजाद को जम्मू कश्मीर में चुनावों का पूर्ण प्रभारी बनाएं ताकि रियासत में कांग्रेस बडे़ विजयी दल के रूप में अपनी उपस्थिति जता सके।


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