Move to Jagran APP

JKPCC: गुलाम नबी आजाद बोले-21वीं सदी के धर्म, जातपात एवं क्षेत्र के आधार पर वोट मांगने की बढ़ रही राजनीति से हमें शर्म आनी चाहिए

चाहे जितनी मर्जी कर लो लेकिन जब चुनाव आएं तो इन सबसे दूर उस समय उसे ही विधायक सांसद ग्रामीण प्रतिनिधि या अन्य को चुनें जो योग्य काम करने वाला मेहनती और इंसानियत और मानवता की रक्षा करने वाला हो।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 08:47 PM (IST)
JKPCC: गुलाम नबी आजाद बोले-21वीं सदी के धर्म, जातपात एवं क्षेत्र के आधार पर वोट मांगने की बढ़ रही राजनीति से हमें शर्म आनी चाहिए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद

कठुआ, राकेश शर्मा। 21वीं सदी के भारत में धर्म, जातपात एवं क्षेत्र के आधार पर वोट मांगने की बढ़ रही राजनीति से हमें शर्म आनी चाहिए और दुर्भाग्यपूर्ण है, धर्म के नाम पर बांटकर वोट मांगने वालों में सभी दल शामिल हैं। इससे तो फिर वो हमारे पुराने बुजुर्ग थे, जो पढ़े-लिखे तो नहीं थे, कम से कम वोट देते समय इंसानियत और मानवता का ध्यान रखने वाले को चुनते थे। ऐसे में ऐसी आधुनिकता और शिक्षा का क्या फायदा, जहां लोगों में नफरत फैलाकर सत्ता पाने के प्रयास हो रहे हों।

prime article banner

ये बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने वीरवार जिले के दयालाचक में कांग्रेस की आयोजित रैली में कार्यकर्ताओं की उपस्थित भीड़ को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब चुनाव का सीजन न हो, उसके लिए आपके पास मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, जातपात, क्षेत्र आदि की बातें करने का बहुत समय होता है। चाहे जितनी मर्जी कर लो, लेकिन जब चुनाव आएं तो इन सबसे दूर उस समय उसे ही विधायक, सांसद, ग्रामीण प्रतिनिधि या अन्य को चुनें जो योग्य, काम करने वाला, मेहनती और इंसानियत और मानवता की रक्षा करने वाला हो। जैसे एक डाॅक्टर जब मरीज को देखता है तो वो उसकी जात, धर्म और क्षेत्र नहीं पूछता। उसके लिए उस समय इंसानियत और मानवता पहला धर्म होता है। इसी तरह एक अध्यापक जब कक्षा में पढ़ाता है तो वो उपरोक्त नीति पर सभी बच्चों को बराबर शिक्षा देता है।

इसी तरह जिस दिन राजनीति में इंसानियत और मानवता धर्म बनेगा, उसके बाद देश में भाईचारे और एकता बढ़ेगी, क्योंकि ये महात्मा गांधी का देश है। जहां पर राजनीति में नफरत नहीं बल्कि इसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है।। बगल में छूरी और मुंह में राम की राजनीति देश को बांटने वाली है न कि जोड़ने वाली। हमें ये नहीं चाहिए। हमें मानवता, इंसानियत की राजनीति करने वाले चाहिए। आजाद ने उम्मीद जताई कि आने वाले चुनावों में कम से कम वोटर इस बात का विधायक और सांसद चुनते समय जरूर ध्यान रखेंगे और ऐसा ही करने का उन्होंने आह्वान भी किया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.