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जम्मू में अपने पहले कमान अधिकारी कर्नल जम्वाल से मिले जनरल जोशी, बोले- आप मेरे आदर्श हैं

कर्नल जम्वाल की कमान में जनरल जोशी वर्ष 1982 में जून महीने में सैकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में सेना की 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स में बतौर युवा अधिकारी शामिल थे। ऐसे में सोमवार को जनरल जोशी सोमवार शाम को सैनिक कालोनी में अपने पहले कमान अधिकारी के घर पहुंचे।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:07 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:07 PM (IST)
जम्मू में अपने पहले कमान अधिकारी कर्नल जम्वाल से मिले जनरल जोशी, बोले- आप मेरे आदर्श हैं
सोमवार को जनरल जोशी सोमवार शाम को सैनिक कालोनी में अपने पहले कमान अधिकारी के घर पहुंचे।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाइके जोशी ने सोमवार को जम्मू में अपने पहले कमान अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल केएस जम्वाल से भेंट कर उन्हें अपना आदर्श बताते हुए आभार जताया।

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कर्नल जम्वाल की कमान में जनरल जोशी, वर्ष 1982 में जून महीने में सैकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में सेना की 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स में बतौर युवा अधिकारी शामिल थे। ऐसे में सोमवार को जनरल जोशी सोमवार शाम को सैनिक कालोनी में अपने पहले कमान अधिकारी के घर पहुंचे। उन्हें अपना आदर्श बताते हुए जनरल जोशी ने उनसे व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नागालैंड में बिताए गए पुराने दिनों की यादों को ताजा किया। जनरल ने कहा है कि सैन्य अधिकारी के लिए उसके करियर के शुरूआती साल बहुत अहम होते हैं। उन्होंने कर्नल जम्वाल से कहा है कि आप मेरे सबसे बेहतरीन ट्रेनर हैं। मैने आपसे बहुत कुछ सीखा, आपने मुझे आगे बढ़ने के लिए जो प्रेरणा दी, उसकी की बदौलत मैने बुलंदियां छुई। शुरूआती दौर में किए गए आपके मार्गदर्शन के कारण ही भारतीय सेना में उनका चार दशक का करियर उपलब्धियों भरा रहा।

जनरल जोशी ने जिस 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स से अपना करियर शुरू किया था, कारगिल युद्ध में उसी की कमान कर वीरता का नया अध्याय लिख दिया। कारगिल युद्ध में असाधारण बहादुरी दिखाने वाली इस यूनिट को दो परमवीर चक्र, 8 वीर चक्रों समेत 37 वीरता पदक मिले थे। उस समय लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात कमान अधिकारी जनरल जोशी को भी वीर चक्र मिला था। ऐसे में कर्नल जम्वाल ने जनरल जोशी की कमान में 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स द्वारा वीरता का नया अध्याय लिखे जाने की भी सराहना की।

वहीं कर्नल जम्वाल ने पुराने दिनों की यादों को ताजा करते हुए बताया कि शुरू से हुई जनरल जोशी में वे सभी गुण थे जो एक अच्छे सैन्य अधिकारी में होना जरूरी हैं। योगेश में जीतने की ललक थी व यूनिट के सबसे चुनाैतीपूर्ण मिशन उन्हें ही दिए जाते थे। वह अपनी टीम को कामयाबी दिलाने वाले एक अच्छे युवा अधिकारी थे। ऐसे में मुझे सैन्य करियर में उनकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है। 


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