Jammu Kashmir: आठ फरवरी से अदालतों में शुरू होगी सामान्य सुनवाई, एसओपी जारी
यह आदेश 19 अप्रैल 2020 तक लागू किया गया था जिसके बाद समय-समय पर इसकी अवधि बढ़ाई गई। अब प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में गिरावट को देखते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कोर्ट में सामान्य सुनवाई की प्रक्रिया कुछ प्रतिबंधों के साथ बहाल करने का फैसला लिया है।
जम्मू, जागरण संवाददता: कोरोना महामारी के चलते 23 मार्च 2020 को बंद हुई जम्मू-कश्मीर की अदालतों, ट्रिब्यूनल व कैट में आठ फरवरी 2021 से एक बार फिर केसों की सामान्य तौर पर सुनवाई शुरू होगी। आठ फरवरी से वकील एक बार फिर व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में पेश होकर दलीलें पेश कर सकेंगे और जरूरत पड़ने पर याची भी कोर्ट के सामने पेश हो सकेंगे। हालांकि इस दौरान एसओपी का सख्ती से पालन करना पड़ेगा और बिना कारण वकील भी कोर्ट परिसर में दाखिल नहीं हो सकेंगे।
वकील केवल उसी समय कोर्ट परिसर में दाखिल होंगे, जब उनके केस की सुनवाई शुरू होगी। जम्मू-कश्मीर में यात्री वाहनों को बंद करने समेत कई अन्य प्रतिबंध लगाने के बाद जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 23 मार्च को अदालतें बंद करने का निर्देश दिया था। उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन घोषित होने पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने 26 मार्च को एक आदेश जारी कर प्रदेश की सभी अदालतों को बंद करते हुए आपात केसों की वर्च्युअल सुनवाई का निर्देश दिया था।
यह आदेश 19 अप्रैल 2020 तक लागू किया गया था जिसके बाद समय-समय पर इसकी अवधि बढ़ाई गई। अब प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में गिरावट को देखते हुए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कोर्ट में सामान्य सुनवाई की प्रक्रिया कुछ प्रतिबंधों के साथ बहाल करने का फैसला लिया है।
यह रहेंगी एसओपी
- वकील केस की सुनवाई के दौरान पेश हो सकते हैं लेकिन वहीं वकील कोर्ट परिसर में दाखिल होगा जिसके केस की सुनवाई होगी।
- कोर्ट परिसर में वकील शारीरिक दूरी का पालन करेंगे और केस की सुनवाई खत्म होते ही परिसर से बाहर चले जाएंगे।
- एक केस में एक पक्ष के दो से अधिक वकील कोर्ट में पेश नहीं हो सकेंगे।
- वकीलों के क्लर्कों व एजेंटों के कोर्ट परिसर में दाखिल होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
- याची कोर्ट में पेश नहीं हो सकता। अगर याची पेश होना चाहे तो इसके लिए दो दिन पूर्व लिखित में आवेदन देना होगा।
- वकील चाहे तो अपने केस की वर्च्युअल सुनवाई जारी रखने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- बिना अनुमति एडवोकेट जनरल, सरकारी वकीलों या सरकारी विभागों का स्टाफ भी कोर्ट परिसर में दाखिल नहीं होगा।
- वकीलों के हाईकोर्ट रजिस्ट्री कार्यालय व कोर्ट कार्यालयों में प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
- कोर्ट परिसरों की सभी कंटीन 50 फीसद कर्मचारियों के साथ खुल सकती है।
- संबंधित न्यायिक अधिकारी एसओपी का पालन करवाएंगे और समय-समय पर कोविड-19 की समीक्षा कर आगे का निर्णय लिया जाएगा।