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Gandhi Nagar Shootout: रंगदारी के पैसों को क्रिकेट के सट्टेबाजों को किया जाता था निवेश

ऐसे व्यापारी भी शामिल जिनकी औलादों ने अपने घरवालों के लाखों रूपये सट्टे में गवांए है। युवा और उनके परिवार के सदस्य बदनामी और डर से रंगदारी गिरोह के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने को राजी नही है।पूछताछ में पुलिस ने 50 के करीब सट्टेबाजों की सूची तैयार की है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 09:57 AM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 10:02 AM (IST)
Gandhi Nagar Shootout: रंगदारी के पैसों को क्रिकेट के सट्टेबाजों को किया जाता था निवेश
गिरोह के अधिकतर सदस्य पैसों की उगाही का काम किया करते थे।

जम्मू, अवधेश चौहान: शहर के जानेमाने व्यापारी नागर सिंह उर्फ नागो के ग्रीन बैल्ट पार्क स्थित आवास पर 3 अप्रैल को हुई फायरिंग का मामला परत दर परत खुलता जा रहा है।अभी तक जांच में पाया गया कि जम्मू में रंगदारी का यह गिरोह बीते 5 साल से सक्रिय था। रंगदारी गिरोह जानेमाने कई व्यापारियों से वसूली कर क्रिकेट के सट्टा बाजार में करोड़ो रूपये निवेश किए हैं।

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गिरोह का सरगना सुप्रीत सिंह उर्फ राजा निवासी भवानी नगर इन रूपयों को क्रिकेट में सट्टा लगाने वालों लोगों को 30 फीसद बयाज दर पर देता था।इस दलदल में जम्मू के कई युवा फंस कर अपना सबकुछ लुटा चुके हैं।अधिकतर रुपये समृद्ध व्यापारियों की संतानों को दिए जाते थे।भारीभरकम सूद पर दिए गए रूपये समय पर वापिस नही दिए जाते थे, तो गिरोह के बाकी के सदस्य उस युवक को पिस्तौल की नौक पर डरा धमका कर पैसों की उगाही करते थे। गिरोह के अधिकतर सदस्य पैसों की उगाही का काम किया करते थे।

वसूली करने वाले गिराेह के सदस्य को बाकायदा 16 हजार रुपये तनख्वाह दी जाती थी।रंगदारी गिरोह ने बीते 5 सालों में शहर और उसके बाहरी इलाके में अपने पैर पसारे हुए थे। सट्टे के लिए किन युवाओं को रूपये सूद पर देने हैं, इसकी समीक्षा राजा और रायल सिंह किया करते थे।सूद के तौर जो रूपये आते थे उनसे जेल कर्मियों को यह रकम बांटी जाती थी। रायल सिंह और राजा के कहने पर रंगदारी गिरोह ने करीब 90 करोड़ रूपये क्रिकेट के सट्टेबाजों को दिए हैं।बाजार में सट्टे के निवेश के लिए रंगदारी के तौर पर वसूला जाता था।

नागों के घर पर 3 अप्रैल को फायरिंग भी दो करोड़ रूपये की रंगदारी के लिए हुई थी। इन दिनों आइपीएल क्रिकेट मैच चल रहे हैं, जिस कारण जम्मू में सट्टे के लिए युवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए रंगदारी गिरोह ने दो बार नागों के घर पर फायरिंग और कांच की बोतले फैंक कर 2 करोड़ रूपये के लिए धमकाया।अभी तक गिरोह के 15 सदस्यों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें कोट भलवाल जेल सुप्रीटेंडेंट दिनेश शर्मा का ड्राइवर कुलदीप कुमार उर्फ कमला निवासी टाली मोड़ मीरा साहिब और उनका एसपीओ भी शामिल है। कुलदीप और एसपीओ गिरोह के सरगना राजा को जेल में मुलाकात में सहयोग करता था।

सट्टेबाजों से पूछताछ के लिए सूची तैयार की: मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि जिन व्यापारियों से रंगदारी वसूल कर सट्टेबाजों में सूद के तौर पर बांटी गई है, उन सभी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।इसमें कुछ ऐसे व्यापारी भी शामिल जिनकी औलादों ने अपने घरवालों के लाखों रूपये सट्टे में गवांए है।अधिकतर युवा और उनके परिवार के सदस्य बदनामी और डर से रंगदारी गिरोह के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने को राजी नही है।पूछताछ में पुलिस ने ऐसे 50 के करीब सट्टेबाजों की सूची तैयार की है।एसएसपी चंदन कोहली का कहना है कि पूछताछ के लिए सभी को बुलाया जाएगा, चाहे वे किसी भी पद पर हो। यह एक संगठित गिराेह है। इसका संचालन जेल से हो रहा था।


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