कश्मीर : आतंकी हमले को अंजाम देने जा रहे टीआरएफ के 3 ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार, हथियार भी हुए बरामद
सूचना मिलते ही पुलिस ने सीआरपीएफ की 115 बटालियन के साथ गांदरबल के शुहामा इलाके में नाका लगाया और वाहनों की जांच शुरू कर दी। जैसे कि सूचना मिली थी तीन संदिग्ध लोग नाके के पास पहुंचे और वहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध देख भागने की कोशिश करने लगे।
श्रीनगर, जेएनएन : कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठनों पर अपना शिकंजा और कसना शुरू कर दिया है। कश्मीर में आतंकी हमले कर अशांति फैलाने की फिराक में बैठे आतंकी संगठनों व उनके सहयोगियों की योजनाओं को विफल बनाने के लिए सुरक्षाकर्मी पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। इसी अभियान के तहत सुरक्षाबलों को जब पता चला कि लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित द रजिस्टेंस फ्रंट के तीन ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) किसी हमले को अंजाम देने के लिए मध्य कश्मीर के जिला गांदरबल में जा रहे हैं तो त्वरित कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने न सिर्फ तीनों ओवर ग्राउंड वर्करों को विशेष नाका लगाकर गिरफ्तार कर लिया बल्कि उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद भी बरामद किया।
गांदरबल पुलिस ने बताया कि 28 जनवरी को उन्हें यह जानकारी मिली कि कुछ आतंकी सहयोगी हथियारों के साथ कहीं जा रहे हैं। वे शायद किसी हमले की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने सीआरपीएफ की 115 बटालियन के साथ गांदरबल के शुहामा इलाके में नाका लगाया और वाहनों की जांच शुरू कर दी। जैसे कि सूचना मिली थी तीन संदिग्ध लोग नाके के पास पहुंचे और वहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध देख भागने की कोशिश करने लगे। इससे पहले कि वह नाके से फरार होते सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वहीं दबोच लिया। तलाशी लेने पर उनके कब्जे से दो चीनी पिस्तौल, उसकी तीन मैगजीन, 15 राउंड, दो हथगोलों के अलावा तीन मोबाइल फोन बरामद किए।
गिरफ्तार किए गए तीनों आतंकी सहयोगियों की पहचान फैसल मंजूर पुत्र मंजूर अहमद निवासी बरारीपोरा शोपियां, अजहर याकूब पुत्र मोहम्मद याकूब गनी निवासी जैपोरा शोपियां और नासिर अहमद डार पुत्र मोहम्मद अयूब डार निवासी बेगम कुलगाम के तौर पर हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान तीनों ने इस बात को स्वीकार किया कि वे लश्कर-ए-तैयबा/टीआरएफ के साथ जुड़े हुए हैं। यही नहीं वे जिले में घटित हुई कई आतंकवादी में भी शामिल रहे हैं।
पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि वे इन हथियारों के साथ किसी आतंकी हमले को अंजाम देने जा रहे थे, या फिर उन्हें ये हथियार आतंकवादियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि पूछताछ के आधार पर जिले में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।