जम्मू-कश्मीर में चार लाख परिवार बल्ब की रोशनी से दूर
सरकार अंधेरे में रह रहे 102 गांवों को रोशन करने का दावा करती है लेकिन राज्य के करीब चार लाख से अधिक परिवार बल्ब की रोशनी से दूर हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। पूर्व भाजपा-पीडीपी सरकार भले ही कई दशकों से अंधेरे में रह रहे 102 गांवों को रोशन करने का दावा करती रही है लेकिन वास्तविकता यह है कि राज्य के करीब चार लाख से अधिक परिवार बल्ब की रोशनी से दूर हैं। यह सच्चाई मंगलवार को राज्यपाल एनएन वोहरा की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में सामने आई।
कमिश्नर सेक्रेटरी पावर ने बताया कि 388000 परिवारों को छोड़कर राज्य के सभी गांव मानक परिभाषा के अनुसार विद्युतीकृत हैं। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत वर्गीकृत गैर-विद्युतीकृत परिवारों तक बल्ब की रोशनी पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए।
उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2018 से ये सभी घर अंधेरे से आजाद होने चाहिए। वोहरा ने बिजली सप्लाई व्यवस्था में सुधार के लिए शुरू की गई योजनाओं की समीक्षा करने लिये बुलाई थी। कमिश्नर सेक्रेटरी पावर हृदेश कुमार ने बताया कि डीडीयूजीजेवाई, आइपीडीएस, आरजीजीवीवाई -2 और पीएमडीपी की 380 परियोजनाएं के लिए केंद्र सरकार ने 8000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। 149 परियोजनाओं पर काम पूरा हो चुका है जबकि 127 परियोजनाओं पर चल रहा है। 380 परियोजनाओं में से 361 के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। बाकी 19 कार्यों के लिए टेंडर 15 दिन के भीतर जारी किए जाएंगे।
उन्होंने ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन, राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बारे में भी राज्यपाल को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1000 मेगावाट पकलढुल, 220 केवी श्रीनगर-लेह ट्रांसमिशन लाइन, 32 परियोजनाएं इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम, 273 परियोजनाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ट्रांसमिशन नेटवर्क को भी मजबूत किया जा रहा है। स्मार्ट मीटरिंग/ प्री-पेड मीटरिंग और स्मार्ट ग्रिड बनाने की तैयारी की जा रही है।
राज्यपाल ने निर्देश दिया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग और स्मार्ट ग्रिड परियोजनाओं को जल्द शुरू किया जाए ताकि ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम हो सकें। इसके अलावा उन्होंने 400 केवी सांबा-अमरगढ़ लाइन से राजौरी-पुंछ में लेह-नोबरा ट्रांसमिशन लाइन, कारगिल-जंस्कार ट्रांसमिशन लाइन और एलआइएलओ को भी तुरंत शुरू करने पर बल दिया। उन्होंने मुख्य सचिव को टेरिफ और टेरिफ याचिकाओं पर निर्णय के मुद्दों की जांच के लिए जम्मू-कश्मीर स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन का तत्काल गठन करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि अगली स्टेट एडमिन्सिट्रेटिव काउंसिल (एसएसी) की बैठक से पहले सभी महत्वपूर्ण बकाया मुद्दों को हल करने के निर्देश भी दिये। इसके साथ ही उन्होंने कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में सौ प्रतिशत विद्युतीकरण करने के लिये 15 अगस्त तक का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके अलावा उन्होंने श्रीनगर में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए तंगपोरा, खन्यार, बटोपो तेलाबल (श्रीनगर) और चौआदी जम्मू में भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी लाने के भी कहा।
बैठक में राज्यपाल के सलाहकार बीबी व्यास, चीफ सेक्रेटरी बीवी आर सुब्रह्मण्यम, वित्तीय आयुक्त आवास एवं शहरी विकास विभाग केबी अग्रवाल, प्रधान सचिव वित्त नवीन कुमार चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।