Illegal Mining Issue in Jammu: वीडियो कांफ्रेंसिंग से अनुशासन कमेटी के समक्ष पेश हुए रंधावा, दो दिन में कमेटी देगी रिपोर्ट
रंधावा का कहना था कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उनके योगदान को भी याद रखा जाए। सूत्रों के अनुसार रंधावा ने यह भी कहा कि वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । भाजपा सचिव विक्रम रंधावा ने प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेन्द्र सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर माफी मांगी। रंधावा ने रविवार दोपहर अढ़ाई बजे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अनुशासन समिति कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा।
इसके बाद प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी की अध्यक्षता में कमेटी ने आगे की कार्रवाई पर करीब आधे घंटे तक चर्चा कर फैसला किया कि अगले दो दिनों में रिपोर्ट बनाकर इसे प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना को सौंप दिया जाएगा। आगे की कार्रवाई प्रदेश अध्यक्ष को करनी है।
अभद्र भाषा के लिए माफी मांगी, कहा आवेश में बोली गलत बातें
रविवार को अनुशासन कमेटी की बैठक में सुनील सेठी के साथ कमेटी के सदस्य स विरेन्द्रजीत सिंह व एनडी रजवाल ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग में रंधावा ने कहा कि उन्होंने आवेश में आकर ऐसी बातें कर दी जो वरिष्ठ नेता होने के नाते उन्हें नही करती चाहिए थी। इसके लिए वह माफी मांगते हैं। रंधावा ने कहा कि खनन में भ्रष्टाचार को लेकर उनके आरोप सही हैं लेकिन अपने ही नेताओं पर आरोप लगाना गलत था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार रंधावा ने अपना पक्ष रखते हुए जोर दिया कि उन्होंने संवाददाता सम्मेलन स्टोन क्रशर एसोसिएशन के प्रधान के नाते किया था। इस दौरान उन्होंने पार्टी के खिलाफ कुछ नही बोला, ऐसे में अनुशासन कमेटी उनके खिलाफ कार्रवाई न करे। पार्टी सूत्रों के अनुसार कमेटी ने रंधावा द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर कड़ी आपत्ति जताने के साथ यह भी कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करने से पहले पार्टी को विश्वास में लेना चाहिए था। कमेटी का तर्क था कि अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पर आरोप लगाकर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों को बयानबाजी करने का मौका देकर रंधावा ने गलत किया है।
वहीं रंधावा का कहना था कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उनके योगदान को भी याद रखा जाए। सूत्रों के अनुसार रंधावा ने यह भी कहा कि वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं व ऐसे में अनुशासन कमेटी को कार्रवाई करने से पहले उनसे इस बारे में बात करनी चाहिए थी।