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Jammu Kashmir: प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के लिए आगेे आए पूर्व विधायक, एमएलसी

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) पीडीपी और कांग्रेस के पूर्व मंत्री पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी ने कहा कि कुछ सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसे रोकने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को खुद हस्तक्षेप करना चाहिए।अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे पर एक साथ आए हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 09:04 AM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 09:04 AM (IST)
Jammu Kashmir: प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के लिए आगेे आए पूर्व विधायक, एमएलसी
उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वह प्रदेश में राजनीतिक प्रक्रिया को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालें।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े पूर्व विधायकों के एक समूह ने प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जल्द बहाल करने की मांग की। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीडीपी और कांग्रेस के पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी ने कहा कि कुछ सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसे रोकने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को खुद हस्तक्षेप करना चाहिए। यह पहली बार है कि अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे पर एक साथ आए हैं।

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नेकां के पूर्व विधायक काजी जलाल-उददीन की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में पूर्व विधायकों ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व विधायकों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की जम्मू कश्मीर को वर्तमान हालात से बाहर निकालने में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी। हम वर्तमान हालात में मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते। हमें प्रशासन और लोगों के बीच की दूरी को कम करने के लिए पुल की तरह काम करना होगा। बैठक में जम्मू कश्मीर के वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हालात पर भी चर्चा की गई। नेकां के पूर्व विधायक काजी जलाल-उददीन ने कहा कि जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को बहाल न करके लोगों की मुश्किलों को बढ़ाया जा रहा है।

उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वह प्रदेश में राजनीतिक प्रक्रिया को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालें। प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने में देरी करके सरकार संघीय ढांचे के सिद्धांत को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को बहाल रखने के लिए राष्ट्रीय और प्रदेश के राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपना खून बहाया है। लोगों के नुमाइंदे न होने के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोई भी उनकी नहीं सुन रहा। पूर्व विधायकों ने कहा कि प्रदेश के हितों को कमजोर और नजरअंदाज करने वाले सिस्टम को रोकने के लिए उपराज्यपाल को खुद हस्तक्षेप करने की जरूरत है। उन्होंने राजनीतिक दलों से दलगत राजनीतिक से ऊपर उठकर प्रदेश में राजनीतिक प्रक्रिया को फिर से बहाल करने के लिए एकजुट होने को कहा।

बैठक में पूर्व विधायक रामपाल, जगजीवन लाल, हाजी निसार, गुल रफीक, पूर्व एमएलसी कश्मीरा ङ्क्षसह, ब्रिज मोहन शर्मा, बीएल भट, दीपेंद्र कौर, इकबाल भट और फिरदौस टाक मौजूद रहे। 


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