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अतिक्रमण पर भल्ला के खिलाफ याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा-अलग से याचिका दायर करने का कोई मतलब नहीं है

वन और राजस्व विभाग की जमीनों को पूर्व मंत्रियों से लेकर कुछ प्रभावशाली लोगों ने धर्म प्रचार के लिए घेर रखा है। आश्रम की आड़ में बरसाती नदी-नालों की जमीन को भी नहीं बख्शा है। डीली में खड्ड और नालों पर 86 कनाल जमीन पर कब्जा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 11:19 AM (IST)
अतिक्रमण पर भल्ला के खिलाफ याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा-अलग से याचिका दायर करने का कोई मतलब नहीं है
जस्टिस बिंदल ने याचिकाकर्ता वकील को इस मामले को जनहित याचिका में लेकर जाने के निर्देश दिए।

जेएनएफ, जम्मू : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राजस्व मंत्री रमण भल्ला पर लगे अतिक्रमण के आरोपों को लेकर दायर याचिका को जस्टिस राजेश बिंदल ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण को लेकर पहले से जनहित याचिका में सुनवाई हो रही है। इस मामले को उसी याचिका में रखकर सुनवाई की जाए। अलग से याचिका दायर करने का कोई मतलब नहीं है।

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पूर्व राजस्व मंत्री रमण भल्ला पर जम्मू शहर के डीली में सत्यम रिजार्ट के साथ नाले की जमीन अतिक्रमण करने का आरोप है। एडवोकेट शेख शकील ने याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखा था। एडवोकेट शकील का कहना था कि नाले की जमीन पर भल्ला ने अवैध निर्माण करवाया है। त्रिकुटा नगर से आने वाले नाले पर रास्ता बनाने की नगर निगम की योजना थी। भल्ला ने नाले पर अतिक्रमण कर निर्माण करवा दिया जो जल स्नोतोंं के नियमों का भी उल्लंघन है।

एडवोकेट शेख शकील ने कहा कि पूर्व मंत्री ने नाले पर पार्किंग बना ली है और वहां सुरक्षाकर्मियों के लिए कमरा भी बना दिया है। एडवोकेट ने मामले पर नगर निगम की चुप्पी को अपराध करार दिया। उनका कहना था कि पूर्व मंत्री की देखा देखी में वहां कुछ अन्य लोगों ने नाले की जमीन कब्जा ली है।

पूर्व मंत्री की ओर से एडवोकेट शाह मोहम्मद पेश हुए। याचिका पर गौर करने के बाद जस्टिस बिंदल ने पहले से ही चल रही जनहित याचिका का हवाला देते हुए अलग से दायर याचिका को खारित कर दिया। जस्टिस बिंदल ने याचिकाकर्ता वकील को इस मामले को जनहित याचिका में लेकर जाने के निर्देश दिए।

आश्रम के नाम 86 कनाल भूमि कब्जाई: रोशनी घोटाले के अलावा वन और राजस्व विभाग की जमीनों को पूर्व मंत्रियों से लेकर कुछ प्रभावशाली लोगों ने धर्म प्रचार के लिए घेर रखा है। आश्रम की आड़ में बरसाती नदी-नालों की जमीन को भी नहीं बख्शा है। डीली में खड्ड और नालों पर करीब 86 कनाल जमीन पर कब्जा है।

नेशनल कांफ्रेस के पूर्व पार्षद मिर्जा राशिद ने तो रियासी में दो कनाल वन और राजस्व भूमि पर कब्जा जमया हुआ है। प्रापर्टी डीलर बिट्टू शर्मा और बलदेव राज ने सुंजवां में जंगलात की तीन कनाल जमीन पर अवैध कब्जा है। व्यापारी गुलाम रसूल ने तो छन्नी में व्यावसायिक प्रतिष्ठान के अलावा मकान एक कनाल अवैध भूमि पर बनाया है। डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय से वीरवार को वेबसाइट पर जारी सूची में इन लोगों के नाम और कब्जाई जमीन के आकंड़े जारी किए। 


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