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JK Roshni Scam: रोशनी आंवटन रद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जम्मू-कश्मीर के पूर्व नौकरशाह

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव मोहम्मद शफी पंडित रोशनी एक्ट के तहत तमाम आवंटन रद करने के जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। पंडित और उनकी पत्नी का नाम भी रोशनी एक्ट के लाभार्थियों की सूची में आया है।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 05:01 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 07:41 AM (IST)
JK Roshni Scam: रोशनी आंवटन रद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जम्मू-कश्मीर के पूर्व नौकरशाह
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव मोहम्मद शफी पंडित हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं।

नई दिल्ली, प्रेट्र : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव मोहम्मद शफी पंडित (Mohammad Safi Pandit) रोशनी एक्ट के तहत तमाम आवंटन रद करने के जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। हाई कोर्ट ने 9 अक्टूबर को अपने आदेश में रोशनी एक्ट (Roshni Act) को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार देते हुए इसके तहत हुए जमीन आवंटन रद करते हुए मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।

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पंडित और उनकी पत्नी का नाम भी कश्मीर के मंडल आयुक्त द्वारा जारी रोशनी एक्ट के लाभार्थियों की सूची में आया है। 1969 बैच के आइएएस अधिकारी पंडित ने यहां जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास है और उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द उनका पक्ष सुनेगा। उन्होंने कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वह अपनी सास की जमीन पर कानूनी तौर पर रह रहे थे।

उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के हाल के फैसलों के बाद उनका और उनकी पत्नी का नाम सूची में शामिल किया गया है और इस सूची से सभी लाभार्थियों को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। यह सूची सही नहीं है।

उन्होंने बताया कि यह जमीन 1953 में उनकी सास ने एक सेवानिवृत्त जज से यह जमीन खरीदी थी और उन्हें तत्कालीन जम्मू कश्मीर रियासत के महाराज ने तय प्रीमियम देने के बाद आवंटित की थी। इस जमीन के हस्तांतरण को प्रदेश सरकार ने मंजूरी प्रदान की थी और लीज को 2016 तक बढ़ा दिया गया था। रोशनी एक्ट के माध्यम से तयशुदा फीस चुकाने के बाद संपत्ति अधिकार हमें दे दिए गए और उसके बाद जमीन की लीज बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

उन्होंने दावा किया कि हाई कोर्ट ने उन्हें सुने बिना ही फैसला सुना दिया। वह और उसकी पत्नी इस जमीन के कानूनी आवंटी हैं और सरकार ने उन्हें जमीन आवास के लिए आवंटित की है।


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