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बड़ा बदलाव : आजादी के बाद कश्मीर विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार लहराया तिरंगा, मनाया गया आजादी का अमृत महोत्सव

Azadi Ka Amrut Mahotsav उपकुलपति प्रो. तलत अहमद उच्चतर शिक्षा सचिवायुक्त तलत परवेज रुहैल्ला समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोफेसर और प्रशासकीय अधिकारी भी मौजूूद रहे। बाद में यह लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में भी वर्चुल मोड के जरिए शामिल हुए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 08:15 AM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 11:27 AM (IST)
बड़ा बदलाव : आजादी के बाद कश्मीर विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार लहराया तिरंगा, मनाया गया आजादी का अमृत महोत्सव
अगर यहां नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी की सरकार होती तो भी यह संभव नहीं होता।

श्रीनगर, नवीन नवाज : देशभक्ति से सराबोर नया कश्मीर अब बदलाव की अंगड़ाई ले रहा है। आतंकियों और अलगाववादियों के साथ-साथ शोषण की सियासत को नकारते हुए कश्मीर मुख्यधारा में पूरी तरह विलीन होता नजर आ रहा है। आजादी के बाद पहली बार कश्मीर विश्वविद्यालय परिसर में खुले में राष्ट्रध्वज फहराया गया और राष्ट्र गान भी हुआ। अब दूर से ही विश्वविद्यालय परिसर में एक ऊंचे स्तंभ पर तिरंगा लहराता हुआ नजर आएगा। यह लहराता तिरंगा उन लोगों को जवाब भी है जो कभी कहते थे कि अनुच्छेद 370 हटाने पर कश्मीर में तिरंगा थामने वाला कोई नहीं मिलेगा।

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शुक्रवार को कश्मीर विश्वविद्यालय में जो हुआ, वह कइयों के लिए सामान्य घटना होगी, लेकिन कश्मीर के जानकारों के लिए पूरी तरह असामान्य है। यह घटना कश्मीर में बदलती मानसिकता और मुख्यधारा में उसके शामिल होने का संकेत देती है। पूरे देश की तरह जम्मू कश्मीर में भी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव की शुरुआत हुई। इस सिलसिले में उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे बारामुला में कश्मीर के रक्षक शहीद मकबूल शेरवानी तो सांबा में शहीद ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की जन्मस्थली पर समारोह आयोजित किए गए। डल झील में भी शिकारा रैली निकाली गई। इस दौरान स्थानीय लोगों द्वारा तैयार मेड इन कश्मीर तिरंगे लहराए और बांटे भी गए।

कश्मीर विश्वविद्यालय में भी आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। इस दौरान परिसर में बाहर खुले में राष्ट्रध्वज फहराया गया और राष्ट्रगान भी हुआ। किसी ने कोई एतराज नहीं जताया। उपकुलपति प्रो. तलत अहमद और उच्चतर शिक्षा सचिवायुक्त तलत परवेज रुहैल्ला समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोफेसर और प्रशासकीय अधिकारी भी मौजूूद रहे। बाद में यह लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में भी वर्चुल मोड के जरिए शामिल हुए। प्रो. तलत अहमद ने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय में आने वाले दिनों में आजादी का अमृत महोत्सव से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ:

  • कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ अहमद अली फैयाज ने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय में पहले सभागार के भीतर ही किसी समारोह में राष्ट्रध्वज फहराया जाता रहा है, लेकिन उस समय भी हंगामा होता था। बीते 75 सालों में आज पहली बार यूं परिसर में एक स्तभं पर राष्ट्रध्वज लहराता हुआ नजर आया। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि यह अनुच्छेद 370 के हटाए जाने का नतीजा है। अगर यहां नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी की सरकार होती तो भी यह संभव नहीं होता।
  • कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र फैयाज वानी ने कहा कि करीब आठ साल पहले भी कश्मीर विश्वविद्यालय में उपकुलपति प्रो. तलत अहमद ही थे। उस समय यहां विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर की शूटिंग होनी थी। फिल्म के एक सीन में तिरंगा लहराया जाना था, पूरे परिसर मे हंगामा हुआ और तिरंगा नहीं लहराने दिया गया।
  • समाजसेवी सलीम रेशी ने कहा कि आम कश्मीरियों के दिल में तिरंगा है। बस वह बंदूक से डरते थे। वह डर निकल गया है। आज पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जरूर परेशान होंगी। यहां तिरंगा थामने वाले तो बहुत हैं, अब उनकी सियासत की डूब रही किश्ती को सहारा देने वाला कोई नहीं है।

विवि में अलगाववादी तत्व रहे हैं सक्रिय : कश्मीर विश्वविद्यालय में अलगाववादी तत्व सक्रिय रहे हैं। कई प्रोफेसर और छात्रों के अलगाववादी संगठनों के साथ तथाकथित तौर पर संबंध सामने आते रहे हैं और वे खुलेआम राष्ट्रीय एकता व अखंडता को भंग करने की बात करते रहे हैं। यही नहीं, कश्मीर विश्वविद्यालय से निकले कई छात्र आतंकी भी बन चुके हैं। कश्मीर विश्वविद्यालय का एक प्रोफेसर मोहम्मद रफी बट आतंकी बनने के चंद दिन बाद ही सात मई 2018 को अपने साथियों संग सुरक्षाबलों के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया था। अलबत्ता, पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम लागू होने के बाद यह काफी बदलाव आ चुका है।

केंद्रीय विवि कश्मीर में नहीं लहराता तिरंगा : श्रीनगर में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर देश का एकमात्र ऐसा केंद्रीय विवि है, जहां राष्ट्रध्वज लहराता नजर नहीं आता। फरवरी 2016 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के उपकुलपतियों के साथ एक बैठक में तय किया था कि प्रत्येक विश्वविद्यालय परिसर में 200 फुट ऊंचे स्तंभ पर तिंरगा लहराया जाएगा। इसके बाद पूरे देश में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में राष्ट्रध्वज लहराया गया। सिर्फ कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय ही इसमें अपवाद है। सबसे बड़ी बात यह कि कश्मीर व रक्षा मामलों के विशेषज्ञ सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ही कश्मीर विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। 


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