India China Border Issue: एलएसी पर अग्रिम इलाकों में पहली बार तैनात हुई आईटीबीपी की महिला डॉक्टर
लेह आधार शिविर पर तैनात डाॅ कात्यानी शर्मा ने बताया कि अन्य भागाें से लेह पहुंच रहे जवानों व अधिकारियों के स्वास्थ्य जांच के चार चरण तय है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में कार्यरत महिला डाॅक्टर व महिला पैरामेडिकल कर्मी भी अग्रिम इलाकों में अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए पहुंच गई है। यह पहला अवसर है जब आईटीबीपी की महिला डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को किसी आॅप्रेशनल एरिया में सुरक्षाबलों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए नियुक्त किया गया है।
आईटीबीपी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि लेह में आईटीबीपी के अस्पताल में महिला डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ पहले से ही तैनात है। आईटीबीपी के स्टैंडर्ड आप्रेटिंग प्रोसीजर के मुताबिक महिला डॉक्टरों व अन्य महिला कर्मियों को सामान्य परिस्थितियों में अग्रिम सीमावर्ती और किसी भी आॅप्रेशनल एरिया जहां युद्ध जैसी स्थिति हो, को तैनात नहीं किया जाता। सिर्फ पुरुष डाॅक्टरों और पुरुष स्वास्थ्यकर्मियों को ही ऐसे इलाकों में तैनात किए जाने की पंरपरा रही है। अलबत्ता, बीते एक माह के दौरान आईटीबीपी ने पूर्वी लद्दाख में चुशूल, पैंगांग और गलवन के इलाके में तैनात आईटीबीपी और सेना के जवानाें को आपात परिस्थितियों में चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अपनी महिला डाक्टरों की तैनाती की प्रक्रिया शुरु की है।
महिला डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अग्रिम इलाकों मे तैनात जवानों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबधी मुद्दों की लगातार निगरानी करें। इसके अलावा उन्हें सभी प्रकार की जीवन रक्षक दवाएं व चिकित्सा उपकरण भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए गए हैं। ये महिला डाॅक्टर व पैरामेडिकल कर्मी अग्रिम इलाकों में तैनात जवानों के स्वास्थ्य की निरंतर जांच कर रही हैं। इसक अलावा ये पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भी यथासंभव चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि लेह में भी आईटीबीपी की महिला डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मी देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे सैन्याधिकारियों, जवानों व आईटीबीपी के जवानों व अधिकारियों के स्वास्थ्य की जांच करने और उन्हें उच्च पर्वतीय इलाकों में ड्यूटी के लिए आवश्यक फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
लेह आधार शिविर पर तैनात डाॅ कात्यानी शर्मा ने बताया कि अन्य भागाें से लेह पहुंच रहे जवानों व अधिकारियों के स्वास्थ्य जांच के चार चरण तय है। पहले चरण में इन जवानों के शरीर का तापमान और रक्त की जांच होती है। फिर कोविड-19 टेस्ट होता है। इसके साथ ही उन्हें क्वारंटाइन किया जाता है। क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद उनके स्वास्थ्य की दोबारा जांच होती है। इस दौरान तय होता है कि वे लद्दाख प्रदेश के उच्च पर्वतीय इलाकों में आॅप्रेशनल ड्यूटी के लिए स्वस्थ हैं या नहीं। जवानों के रक्तचाप की भी निरंतर जांच की जाती है। उसके सामान्य होने पर ही उन्हें अग्रिम इलाकों में भेजा जाता है।