दक्षिण कश्मीर में पांच युवक लापता-आतंकियों से जा मिलने की आशंका
उडीपोरा पंजगाम पुलवामा से 16 फरवरी को बशीर अहमद वागे नामक एक युवक लापता हुआ है। वह कई बार हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में तथाकथित तौर पर पकड़ा जा चु़का है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। घाटी में आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की लगातार घटती भर्ती के सरकारी दावों के बीच दक्षिण कश्मीर के पांच युवक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। इन युवकों के आतंकी संगठनों में शामिल होने की आशंका जतायी जा रही है। फिलहाल, पुलिस ने इन सभी का पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है। इसमें इनके परिजनों व दाेस्तों की भी मदद ली जा रही है।
यह पांचो लड़के बीते 22 दिनों में लापता हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक इन लड़कों की पहचान शाहिद अहमद अलेई, मोहसिन अहमद वानी, नवाज अहमद गनई, उवैस अहमद मीर और बिलाल अहमद वागे के रुप में हुई है। उन्होंने बताया कि 17 वर्षीय शाहिद अहमद अलेई एक छात्रा है। कुलगाम में खूल-दम्हालहांजीपोर से संबंध रखने वाला शाहिद सात फरवरी को श्रीनगर से ही लापता है। वह श्रीनगर में रहकर पढ़ाई कर रहा था। अन्य चार लापता लड़कों में एक लैब टैक्निशियन और एक इलैक्टि्रशियन है।
उन्होंने बताया कि लापता हुए पांच लड़कों में मोहसिन अहमद वानी ही सबसे बड़ा है। दक्षिण कश्मीर में जिला शोपियां के अयंद गांव का रहने वाला मोहसिन 10 फरवरी से लापता है। मुरन पुलवामा से लापता नवाज अहमद गनई पेशे से एक इलेक्टि्रशियन है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसके खिलाफ स्थानीय पुलिस चौकी में कभी किसी प्रकार के हिंसक या राष्ट्रविरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने की काेई शिकायत दर्ज नहीं है। उसके परिवार में उसका एक भाई और मां-बाप हैं पुलवामा में ही अशमंदर गांव से एक्सरे तकनीशियन उवैस अहमद मीर 10 दिन पहले 18 फरवरी को लापता हुआा है। वह पुलवामा में स्थित एक प्राईवेट पैथोलाजी लैब में काम कर रहा था। उसके तीन भाई हैं और मां-बाप हैं। उसका परिवार इलाके के प्रतिष्ठित परिवारों में एक गिनाजाता है।
उडीपोरा पंजगाम, पुलवामा से 16 फरवरी को बशीर अहमद वागे नामक एक युवक लापता हुआ है। वह कई बार हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में तथाकथित तौर पर पकड़ा जा चु़का है। एक बार हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों की कार्रवाई में उसका बाजू भी टूट गया था।
पुलिस ने इन पांचों युवकों के लापता होने की अलग अलग एफआइआर दर्ज की हैं। अधिकारिक तौर पर सभी पुलिस अधिकारी कहते हैं कि यह युवक लापता हैं और इनका पता लगाया जा रहा है। अलबत्ता, दबे में कई अधिकारियों ने इन पांचों लड़कों के आतंकी संगठनों से जा मिलने की आशंका जताते हुए कहा कि इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इनके परिजनों और दोस्तों की मदद से इनका पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है।
दक्षिण कश्मीर में बीते 22 दिनों में पांच युवकों के लापता होने से सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में आ गई हैं। इससे पहले सुरक्षा एजेंसियां यही मानकर चल रही थी कि आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेकएस ढिल्लों ने भी कई बार दावा किया है कि अब वादी में स्थानीय युवक आतंकी संगठनों से दूर हो रहे हैं।
इस बीच, सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि हम उन्हीं लड़कों के बारे में बात करते हैं, जिनके लापता होने की शिकायत दर्ज करायी जाती है, ऐसे भी कई लड़के हैं जो घरों से गायब हैं और उनके परिजन पुलिस तक नहीं पहुंचे हैं। इसलिए लापता होने वाले युवकों की संख्या ज्यादा हो सकती है जो चितां का विषय है।