जोजिला में पांच किमी सुरंग बनकर तैयार, निर्माण कंपनी ने रिकार्ड 14 महीने में बनाया, 3,528 मीटर की ऊंचाई पर हो रहा काम
एशिया की सबसे लंबी सुरंग जोजिला परियोजना सामरिक नजरिये से भी देश की एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना है। जोजिला टनल के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह के अनुसार निर्माण कंपनी की टीम ने इस परियोजना को कठिन परिस्थितियों में समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ अंजाम दिया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लद्दाख को श्रीनगर के रास्ते शेष दुनिया से सड़क संपर्क से जोड़े रखने के लिए हर दिन तेजी से काम चल रहा है। इसीलिए श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजि ला टनल बनाने का काम ऐतिहासिक गति से हो रहा है। इसी क्रम में 18 किलोमीटर लंबी जोजि ला सुरंग में से पांच किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का काम रिकार्ड 14 महीने में पूरा किया गया है। इस टनल का निर्माण बुनियादी ढांचा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कर रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास निगम की परियोजना को मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है। श्रीनगर और लद्दाख के बीच बिना किसी रुकावट के पूरे वर्ष सड़क संपर्क सुनिश्चित करने के लिए यह टनल बनाई जा रही है। जोजिला टनल नीलग्रार-1, 2 और मुख्य टनल समुद्र तल से 3,528 मीटर की ऊंचाई पर बन रही है। इस काम बर्फबारी और बर्फीले तूफान जैसी मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद किया जा रहा है।
एशिया की सबसे लंबी सुरंग जोजिला परियोजना सामरिक नजरिये से भी देश की एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना है। जोजिला टनल के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह के अनुसार निर्माण कंपनी की टीम ने इस परियोजना को कठिन परिस्थितियों में समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ अंजाम दिया है। इन बार सर्दी में तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक गया।
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी पिछली यात्रा के दौरान परियोजना को तेज गति से क्रियान्वित करने में निर्माण कंपनी के प्रयासों की सराहना की थी। मंत्री ने कहा था कि इस परियोजना से जम्मू कश्मीर और लद्दाख की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, परिवहन और पर्यटन में सुधार होगा।
यह सब है परियोजना में जोजिला टनल परियोजना में तीन सुरंगें हैं। इसके अलावा चार पुल, कैच डैम, डिफ्लेक्टर डैम, कट एंड कवर टनल और ऐसे कई इंजीनियरिंग काम शामिल हैं।