जम्मू-कश्मीर में डेंगू से हुई पहली मौत, पिछले साल की अपेक्षा इस बार बढ़ रहे हैं मामले
इस साल अभी तक 84 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से अधिकांश जम्मू जिले के रहने वाले हैं। कुल मामलों में 27 मामले ऐसे हें जो कि निजी लैब में दर्ज हुए हें।राजकीय मेडिकल कालेज के होस्टल में भी कुछ मामले दर्ज हुए हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में लगातार कम हो रहे कोरोना के मामलों के बीच अब डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में इस साल डेंगू के कारण पहली माक्त दर्ज हुई है। मृतक राजौरी जिले के सुंदरबनी का रहने वाला था। वहीं इस महीने अभी तक 62 नए मामले भी दर्ज हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुासार, इस साल अभी तक 84 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से अधिकांश जम्मू जिले के रहने वाले हैं। कुल मामलों में 27 मामले ऐसे हें जो कि निजी लैब में दर्ज हुए हें। वहीं अन्य सरकारी अस्पतालों में ही आए हैं। राजकीय मेडिकल कालेज के होस्टल में भी कुछ मामले दर्ज हुए हैं। हालांकि सभी अब ठीक हो गए हैं। वहीं सुंदरबनी के रहने वाले एक व्यक्ति की डेंगू से मौत हो गई। वह पंजाब के अस्पताल में इलाज करवा रहा था। मंगलवार को उसकी मौत की पुष्टि हुई।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने डेंगू से हुई मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि इस महीने डेंगू के मामलेे हर साल आते हैं। पिछले महीने तक मात्र 22 ही लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। लेकिन इस महीने 62 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। जिस जगह पर भी मामले आ रहे हैं, वहां पर फागिंग की जा रही है। डाक्टरों के अनुसार जम्मू संभाग में जम्मू, सांबा और कठुआ जिले सबसे अधिक प्रभावित रहते हैं। अन्य जिलों में मामले कम ही आते हैं। पिछले साल जम्मू-कश्मीर डेंगू के 37 ही मामले आए थे लेकिन इस बार दोगुना से भी अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।
मनोरोग अस्पताल ने प्रदूषण नियंत्रण की सभी औपचारिकताएं की पूरी
जम्मू के मनोरोग अस्पताल ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। इस अस्पताल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी मंजूरी दे दी है। जम्मू संभाग में कोई भी सरकारी अस्पताल नहीं है जिसे बोर्ड ने अपनी मंजूरी दी हो। लेकिन इस अस्पताल ने पानी से लेकर हर बायो मेडिकल वेस्ट तक में बोर्ड के मानकों के अनुरूप काम किया और अस्पताल को बोर्ड ने मंजूरी दे दी। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. कीर्ति भूषण के नाम भेजे गए पत्र में बोर्ड ने लिखा है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सितंबर 2022 तक अस्पताल कोे मंजूरी दी गई है।