Baba Amarnath Yatra 2020 : भगवती नगर में तैयारियां शुरू, 21 से 23 के बीच रवाना हो सकता है पहला जत्था
रविवार को भगवती नगर स्थित यात्री निवास में यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। यात्री निवास को जम्मू नगरनिगम के कर्मचारियों ने सबसे पहले सैनिटाइज किया। यहां पर पहले क्वारंटाइ
जम्मू, जेएनएन। श्री बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए से श्रद्धालुओं का पहला जत्था 21 से 23 जुलाई के बीच जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हो सकता है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि राज्य प्रशासन ने सभी विभागों के अधिकारियों को इस तिथि तक यात्रा से जुड़ी अपनी सभी तरह की तैयारियां पूरी करने के लिए कह दिया है। इसी के मद्देनजर रविवार को भगवती नगर स्थित यात्री निवास में यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। यात्री निवास को जम्मू नगरनिगम के कर्मचारियों ने सबसे पहले सैनिटाइज किया। यहां पर पहले क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया था जिसे अब खाली करवा लिया गया है।
सूत्रों की इस बात को इसलिए भी मजबूत आधार मिल रहा है क्योंकि अमरनाथ यात्रा मार्ग पर तैनात होने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यहां तक कि जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्रा के आधार शिविर में बनाया गया कोविड वेलनेस सेंटर भी बंद कर दिया गया है। यहां एक स्थायी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भी है। इसी जगह पर देश के विभिन्न कोनों से आए श्रद्धालु ठहरते हैं। यहीं से श्रद्धालुओं का जत्था बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना होता है। हालांकि, इस बार सिर्फ बालटाल मार्ग से ही यात्रा कराने की योजना है।
अमरनाथ यात्रा को लेकर भले ही अभी कोई तिथि तय नहीं की गई हो, लेकिन प्रशासन तैयारियां पूरी कर रहा है। यात्रा में सेवाएं-सुविधाएं देने वाले सभी विभागों से स्पष्ट कह दिया गया है कि वह पूरी तरह से तैयार रहें। अपनी तैयारियां पूरी कर लें। सबसे अहम स्वास्थ्य विभाग से भी ऐसा ही कहा गया है। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग अब जम्मू से कश्मीर भेजे जाने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के नामों को अंतिम रूप दे रहा है। जम्मू में भी डॉक्टरों की तैनाती की तैयारियां हो रही हैं।
कोविड-19 के चलते इस बार बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा अधिकतम पंद्रह दिनों की ही कराने की चर्चा है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि प्रदेश प्रशासन ने सभी विभागों को 20 जुलाई के बाद यात्रा कभी भी शुरू करने के संकेत दिए हैं। यह भी कहा गया गया है कि 21 से 23 जुलाई के बीच पहला जत्था जम्मू से रवाना हो सकता है। हालांकि, अभी अंतिम तिथि विभागों को नहीं बताई गई है। मगर सभी तैयारियां पूरी रखने को कहा गया है। इसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर डॉक्टरों की सूची बनना शुरू हुआ है। जम्मू से पैरामेडिकल स्टाफ के कुछ सदस्यों समेत दस डॉक्टरों को भेजने की तैयारी है। उनके नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जीएमसी जम्मू में स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की सुविधा पर विचार
कई अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाए जाने के बाद श्रद्धालुओं के लिए अन्य जगहों पर स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनाने का इंतजाम हो रहा है। जम्मू में पहले गांधीनगर और सरवाल अस्पताल में स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनते थे। गांधीनगर अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसलिए अब जीएमसी जम्मू में स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनाने की सुविधा पर विचार चल रहा है।
और भी बदलाव संभव
प्रस्तावित यात्रा में इस बार और भी बदलाव हो सकते हैं। पहले वैष्णवी धाम, सरस्वती धाम में डॉक्टरों की टीमों को बिठाया जाता था, लेकिन इस बार आधार शिविर भगवती नगर, राम मंदिर और गीता भवन में साधुओं को ठहराया जाने की योजना है। यहीं पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात रहेंगी। हालांकि, इस पर अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे अपनी ओर से यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
हर बार की तरह इस बार भी बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारियां कर रहा है। यात्रा पर ड्यूटी देने वाले डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। लखनपुर से लेकर बनिहाल तक व्यवस्था की जा रही है। -डॉ. रेनू खजूरिया, स्वास्थ्य निदेशक जम्मू
लंगर वालों का पहला जत्था पंजाब से बालटाल रवाना
कठुआ : श्री अमरनाथ यात्रा के दौरा श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए लंगर लगाने वाले आने लगे हैं। शनिवार को एक ट्रक और तीन छोटे वाहनों से पंजाब के तीन लंगर संचालक श्री अमरनाथ यात्रा समिति के बैनर तले लखनपुर और जम्मू होते हुए बालटाल रवाना हुए हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा सिर्फ बालटाल मार्ग से ही कराने की योजना है। जो लंगर कमेटियां आई हैं, उनमें चरण दास गाबा धान मंडी शाहकोट जालंधर, श्री बर्फानी बाबा जुगियाना, माता भंडारा समिति चौक कटरा आहलूवालिया अमृतसर के 18 सदस्य हैं। इस बार यात्रा के दौरान ये पहला लंगर सेवकों का जत्था है, जो कोरोना संकट के बावजूद श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तैयार हैं। हालांकि, इनका लखनपुर में कोरोना टेस्ट नहीं हुआ। इनका पहले से ही पंजाब में हुए टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। उसी के आधार पर उन्हें लखनपुर से आगे बढ़ने की अनुमति दे दी गई।