Jammu Kashmir: प्राइवेट स्कूलों की कमाई का लेखा-जोखा लेगी फीस निर्धारण समिति
फीस बढ़ाने से पहले स्कूलों को फीस निर्धारण समिति से इजाजत लेनी पड़ती है और उसे बताना पड़ता है कि स्कूल को आखिरी फीस बढ़ाने की क्यों जरूरत पड़ रही है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल करने वाले निजी स्कूलों की कमाई का लेखा-जोखा बहुत जल्द फीस निर्धारण समिति लेगी। शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर हसन समूह ने इस बात के संकेत दिए हैं और उन्होंने बकायदा ट्विट कर कहा कि पता लगाया जाएगा कि हर वर्ष फीस बढ़ाकर अभिभावकों से वसूल करने वाले स्कूल अतिरिक्त पैसे को कहां खर्च कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव असगर समून ट्विटर पर काफी सक्रिय रहते हैं और वह अपने ट्विट के माध्यम से समय समय पर अपने लिए जाने वाले एक्शन की जानकारी देते रहते हैं। वहीं समून से जब पूछा गया कि यह लेखा-जोखा कब लिया जाएगा तो उनका जवबा था बहुत जल्द। समून ने बताया कि सरकारी स्कूलोें में बच्चों से किसी किस्म की फीस नहीं ली जा रही है। उन्हें फीस जमा करवाने से छूट दी गई है लेकिन निजी स्कूल हर बार अपनी फीस बढ़ा देते हैं।
फीस बढ़ाने से पहले स्कूलों को फीस निर्धारण समिति से इजाजत लेनी पड़ती है और उसे बताना पड़ता है कि स्कूल को आखिरी फीस बढ़ाने की क्यों जरूरत पड़ रही है। लेकिन अकसर देखा जाता है कि निजी स्कूल बिना अनुमति लिए ही हर वर्ष फीस बढ़ा लेते हैं जबकि अभिभावकों को परेशान होकर भी बढ़ी हुई फीस जमा करवानी पड़ती है। वहीं समून के इस ट्विट के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी हैं।
कुछ लोगों ने इसे अच्छा कदम बताया तो कुछ ने फीस निर्धारण समिति में बनाए गए सदस्यों को बदलने की सलाह दी। कुछ लोगाें ने इन स्कूलों का लेखा-जोखा समिति की बजाए किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने की मांग भी की।