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कोरोना के चलते बीबी को किस करना भी हुआ मुश्किल : फारूक

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला कहीं भाषण दे रहे हों और वहां कुछ ऐसा न कहें जिसकी चर्चा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। रविवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते बीबी को किस करना भी मुश्किल हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 05:54 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 05:54 AM (IST)
कोरोना के चलते बीबी को किस करना भी हुआ मुश्किल : फारूक
कोरोना के चलते बीबी को किस करना भी हुआ मुश्किल : फारूक

जागरण संवाददाता, जम्मू : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला कहीं भाषण दे रहे हों और वहां कुछ ऐसा न कहें जिसकी चर्चा न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। रविवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते बीबी को किस करना भी मुश्किल हो गया है।

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नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक ने रविवार को गुज्जर देस चैरिटेबल ट्रस्ट हॉल में किताब का विमोचन किया। यहां उन्होंने करीब पौने घंटे का भाषण दिया। अपने चिरपरिचित अंदाज में उन्होंन कभी केंद्र सरकार को कोसा तो कभी प्रशासन को। कोरोना वैक्सीन की बात आते ही उन्होंने कहा कि वक्त ही बताएगा कि वैक्सीन कैसी है। उन्होंने दुआ की कि यह सफल रहे। इसके बाद बोले, वह तो कहते हैं कि दफा हो जाए यह बीमारी। कोई किसी से हाथ नहीं मिला सकता। गले लगाने से डर लगता है। न जाने कब बीबी को किस की थी। दिल बहुत चाहता है, लेकिन क्या करें ऐसी बीमारी आई है कि दिल की चलती ही नहीं। बीबी को पता चले कि मैं मास्क के बिना किसी कार्यक्रम में था तो वह कहेगी कि मेरा मर्द गया।

फारूक बेशक कितने भी मजाकिया मूड में थे, लेकिन लोगों को कोरोना संक्रमण के चलते सावधानियां बरतने का संदेश देने से नहीं चूके। अपनी बीबी को लेकर अक्सर फारूक भावुक हो जाते हैं। जब वह किडनी ट्रांसप्लांट करवा कर जम्मू लौटे थे तो कहा था कि वह अगर जीवित हैं तो अपनी पत्नी के कारण। उन्होंने उन्हें किडनी तो दी ही, पूरा ध्यान भी रखा। पूरे कार्यक्रम में फारूक कभी गंभीर हो जाते तो कभी व्यंग्य करते नजर आए। 4जी इंटरनेट सेवा शुरू की जाए

फारूक ने केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश में 5जी इंटरनेट सेवा आने की बात कर रहे हैं, लेकिन हम लोगों को 4जी की बहाली के लिए गुहार लगानी पड़ रही है, लेकिन वे अनसुना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर के लोग 2जी की स्पीड से आगे नहीं बढ़ सकते हैं। जमीन पर हालात देखें प्रधानमंत्री

फारूक ने कहा कि पहले राज्य के लिए 80 करोड़ के पैकेज की बात हो रही थी, जो अब 28 हजार करोड़ पर सिमट गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कभी जमीन पर उतरें और जम्मू कश्मीर के जमीनी हालात देखें। यहां जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग आए दिन बंद रहता है। कश्मीर में बर्फबारी में लोग कैसे रह रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की वहां भारी कमी हो गई है। यह सब प्रधानमंत्री को जानना चाहिए उम्मीद है मेरे जिंदा रहते रेल मार्ग से जुड़ जाएगा कश्मीर

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 2007 तक देश से कश्मीर को रेल से जोड़ने का वादा किया था। इसे मोदी सरकार ने खिसकाकर 2022 तक कर दिया। उम्मीद है कि यह 2040 तक नहीं जाएगा और मेरे जिंदा रहते यह पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे अपने भाई मुस्तफा कमाल को हमेशा कहते हैं कि वे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से सफर न करें। यहां अक्सर पत्थर गिरते रहते हैं। यही डर यहां के स्थानीय लोगों में है। ऊधमपुर से आगे सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रधानमंत्री को इस जमीनी हकीकत से रूबरू होना जरूरी है।

डॉ. कर्ण सिंह, एनएन वोहरा, गुलाम नबी आजाद ने दीं शुभकामनाएं

कार्यक्रम में पूर्व सदर-ए-रियासत डा. कर्ण सिंह, पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मसूद चौधरी की जीवनी के प्रकाशन पर ऑनलाइन शुभकामनाएं दी हैं। इन गणमान्यों ने उनके कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने गुज्जर समुदाय के उत्थान के लिए काफी काम किया है। इस मौके पर डॉ. जावेद राही के निर्देशन में मसूद चौधरी के जीवन पर तैयार वृत्त चित्र दर्शाया गया।


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