संसद से तीनों कृषि कानून रद होने तक जारी रहेगा किसानों का संघर्ष
कांग्रेस जिला कार्यकारिणी के अध्यक्ष बब्बल गुप्ता ने कहा है कि देश की आजादी के बाद से अब तक ऐसा पहली बार है जब देश की जनता अपने प्रधानमंत्री पर जरा भी भरोसा नहीं करती है। किसानों को भी प्रधानमंत्री की तरफ से तीनों कृषि कानूनो को वापस लेने के वादे पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है।
संवाद सहयोगी, विजयपुर : कांग्रेस जिला कार्यकारिणी के अध्यक्ष बब्बल गुप्ता ने कहा है कि देश की आजादी के बाद से अब तक ऐसा पहली बार है जब देश की जनता अपने प्रधानमंत्री पर जरा भी भरोसा नहीं करती है। किसानों को भी प्रधानमंत्री की तरफ से तीनों कृषि कानूनो को वापस लेने के वादे पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। इसीलिए जब तक संसद से तीनों कृषि काननू वापस नहीं लिए जाएंगे, किसान दिल्ली की सीमा पर डटे रहेंगे। गुप्ता ने बताया की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगर किसानों के हित में बात करनी ही थी तो साफ बात कहनी चाहिए थी। एक साल से जो किसान अपना घर-बार छोड़कर इन कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है, वह अपनी बात मनवा कर रहेगा। बब्बल गुप्ता ने बताया कि किसानों के इस संघर्ष में 750 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान गवाई है, लेकिन प्रधानमंत्री ने उनके बारे में एक शब्द तक नहीं कहा। सरकार को मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा जारी कर राहत देनी चाहिए।
तीनों कृषि कानून वापस लेने का बसपा ने किया स्वागत
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब: केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून को वापस लेने के फैसले का बसपा ने स्वागत किया है। शनिवार को सिबल में आयोजित बसपा की बैठक में पार्टी नेता राजा सिंह ने कहा कि पिछले 14 महीने से देशभर के किसान कृषि कानूनों को लेकर धरने पर बैठे हुए थे, लेकिन मोदी सरकार अड़ियल रवैया अपनाए हुए थे। आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी गलती मान ली और इन कानूनों को वापस ले लिया। राजा सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान अब तक 700 किसानों की मौत हो चुकी है। इस अवसर पर बैठक में तिलकराज, मोहनलाल, अमृतप्रीत सिंह, सुखबीर सिंह, अमृत शर्मा, रणजीत सिंह, रमेशलाल, नेत्रप्रकाश, अशोक शर्मा आदि उपस्थित थे।