Azadi Ka Amrit Mahotsav: इन औषधीय पौधों की खेती से जम्मू के किसान हो रहे हैं समृद्ध
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हुए इस कार्यक्रम में किसानों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। उन्होंने कहा कि औषधिदायक पौधों की खेती के बढ़ावा के लिए भद्रवाह में मार्केटिंग मंडी व माडल नर्सरी पहले शुरू की गई है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए काम शुरू हो गया है। यहां पर 161 हेक्टेयर निजी भूमि को इसके लिए चिन्हित किया गया है। वहीं मंजूरी के लिए इसकी रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को सौंप दी गई है।
यह जानकारी आईएसएम आयूष के निदेशक ने कहा कि डा. मोहन सिंह ने श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दी। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हुए इस कार्यक्रम में किसानों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। उन्होंने कहा कि औषधिदायक पौधों की खेती के बढ़ावा के लिए भद्रवाह में मार्केटिंग मंडी व माडल नर्सरी पहले शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि औषधि वाले पौधों के बढ़ावा देने के साथ साथ किसानों को भरपूर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इन पौधों से तेल प्राप्त करने व दूसरे उत्पाद बनाने के लिए यूनिट लगाए जाएंगे। वहीं सहायक निदेशक सजाद अहमद ने जम्मू कश्मीर में औषधि पौधों की खेती के बारे में भरपूर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में इसकी खेती से युवाओं के रोजगार के नए रास्ते निकलेंगे। वहीं किसानों को खेती का लाभ होगा। उनको अच्छे दाम प्राप्त होंगे। वहीं डा. तारिक अहमद ने बेमिना श्रीनगर के हर्बल गार्डन में किसानों को प्रशिक्षण दिया और औषधि वाले पौधों से क्या क्या उत्पाद तैयार हो सकते हैं, की जानकारी दी।
उन्होंने औषधि वाले कुछ पौधों पर बारीकी से रोशनी डाली और बताया कि इनकी खेती से कई राज्यों के किसानों की आर्थिक तौर पर लाभ हुआ है। जम्मू कश्मीर की भूमि इन पौधों की खेती के लिए बेहतर है। मौके पर किसानों ने कई सवाल पूछे जिनका बखूबी से जवाब दिया गया।