गेंदे की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं किसान, आइए जानिए
गेंदे के फूल के पौधे की खासियत यह है कि लंबाई में छोटी होती है मगर इसका पौध खूब फैल जाता है। फूल अधिक लगते हैं। खेतों को तैयार करने के बाद पौधे लगाएं।
जम्मू, जेएनएन। दीपावली के लिए हाईब्रिड गेंदे के फूल तैयार हो रहे हैं। ऐसे में जैसे ही फसल सिमट जाती है या जिन किसानों के खेत खाली हैं वे अगली फसल यानी शिवरात्रि गुट्टी (गेंदे के छोटे फूल) की खेती कर सकते हैं। अक्टूबर और नवंबर इस खेती के लिए उपयुक्त समय है। इस समय लगाई गई गुट्टी जनवरी में तैयार होने लगेगी। किसानों को जमकर मुनाफा कराएगी। इस सीजन में दो किस्म की गुट्टी लग सकती है।
एक लाल गुट्टी और दूसरी पीली, संतरी व लाल रंग को समेटे गुट्टी। लाल गुट्टी की अपेक्षाकृत ज्यादा मांग रहती है। जनवरी या उसके बाद हाईब्रीड गेंदे की फसल तैयार नहीं होती। ऐसे में शिवरात्रि गुट्टी की मांग खासी बढ़ जाती है। उन दिनों में प्रति किलो गुट्टी से किसानों को 40 से 50 रुपये भी मिल जाते हैं। अगर किसान शिवरात्रि गुट्टी की खेती में आना चाहता है तो अभी से तैयारी करनी पड़ेगी। फ्लोरिकल्चर डिपार्टमेंट के फील्ड ऑफिसर परमदीप सिंह उप्पल की है कि अगर खेत खाली हैं तो शिवरात्रि गुट्टी लगाई जाए। शिवरात्रि के समय इस गुट्टी के फूलों का इस्तेमाल मंदिरों में जमकर होता है। अगर एक कनाल में गुट्टी की खेती करनी है तो करीब 1300 पौधों की जरूरत रहेगी। इस छोटे गेंदे के फूल के पौधे की खासियत यह है कि लंबाई में छोटी होती है मगर इसका पौध खूब फैल जाता है। फूल अधिक लगते हैं। खेतों को तैयार करने के बाद पौधे लगाएं। पौधों की दूरी तीन-चार फुट जरूर रखें ताकि विकास के लिए पर्याप्त जगह रहे। पौधे लगाने के माह भर बाद गुड़ाई की जाए।
सप्ताह में कम से कम एक बार पानी देने की जरूरत रहेगी। इसलिए किसानों को ख्याल रखना चाहिए कि जहां गुट्टी की खेती हो रही है, वहां पानी का उचित बंदोबस्त हो। ढाई-तीन माह में गुट्टी के पौधे फूलों से भरने शुरू हो जाएंगे। एक कनाल भूमि से किसान 8 से 9 क्विंटल फूल ले सकता है। इससे उसे तीन माह में 35 से 40 हजार रुपये की कमाई हो सकती है।