Move to Jagran APP

Jammu Farmers: व्यापारियों को सस्ते दामों में गेहूं बेचने को मजबूर हैं किसान

किसानों का कहना है कि कुल मिलाकर सरकारी मंडियों पर किसान दरबदर है। बने इस हालात में व्यापारी लोग भी अच्छे दाम देने को तैयार नही। प्रति क्विंटल गेहूं के लिए व्यापारी 1600 से 1650 रुपये ही दे रहे हैं जबकि सरकारी मंडियों पर समर्थन मूल्य 1975 रुपये है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 08:30 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 08:30 PM (IST)
Jammu Farmers: व्यापारियों को सस्ते दामों में गेहूं बेचने को मजबूर हैं किसान
जम्मू, सांबा व कठुआ जिले में दर्जन भर अनाज मंडियां एफसीआई-कृषि विभाग ने खोली हैं

जम्मू, जागरण संवाददाता। प्रशासन की ओर से खोली गई अनाज मंडियों पर जरूरी सुविधाएं नही होने, कम स्टाफ होने, अधिकारियों द्वारा आनाकानी किए जाने के चलते किसानों की दिक्कतें बढ़ने लगी है। ऐसे में किसान सस्ते में व्यापारियों को गेहूं बेचने के लिए मजबूर होने लगा है।

prime article banner

असुविधाओं के चलते अब किसान इन मंडियों में जाने का साहस ही नही दिखा पा रहा। एक तो गांव से कहीं दूर मंडियां स्थित हैं, वहां पहुंचना हर किसान के लिए आसान नही। मंडियों पर पहुंचने पर किसानों के लिए दिक्कतें ही दिक्कतें हैं। वहीं अधिकारी सहयोग नही करते और किसानों को परेशान होना पड़ता है। कई मंडियों में तो जरूरी सुविधाओं का टोटा है। वहां बोरियां नही पहुंची। अनेकों किसानों को तो माल लेकर वापिस आना पड़ा।

किसानों का कहना है कि कुल मिलाकर सरकारी मंडियों पर किसान दरबदर है। बने इस हालात में व्यापारी लोग भी अच्छे दाम देने को तैयार नही। प्रति क्विंटल गेहूं के लिए व्यापारी 1600 से 1650 रुपये ही दे रहे हैं जबकि सरकारी मंडियों पर समर्थन मूल्य 1975 रुपये है। जम्मू, सांबा व कठुआ जिले में दर्जन भर अनाज मंडियां एफसीआई-कृषि विभाग ने खोली हैं मगर किसानों में रोष है कि इन मंडियों का उनको विशेष फायदा नही हो रहा।

क्या कहते हैं किसान

गांव से त्रेवा मंडी 15 किलाेमीटर दूर है। माल लेकर वहां पहुंच भी जाओ मगर मंडी में कर्मियों की कमी है। ऐसे में अपनी बारी आने में लंबा समय लग जाता है। मंडी पर रात को ठहरने की व्यवस्था नही। ऐसे में किसान कहां जाएगा। यही कारण है कि किसान मंडी में पहुंचने की बजाए व्यापारियों के पास पहुंच रहे हैं। सस्ते में गेहूं बेचने को किसान मजबूर हैं। सरकार की ऐसी नीति होनी चाहिए कि बिना देरी के किसानों का माल सरकारी मंडी पर बिके।-विजय चौधरी (पूर्व सरपंच)किसान नंदपुर

मंडी पर सरकारी अधिकारी सहयोग नही करते। माल में कई खामियां निकाल देते हैं। ऐसे में सरकारी मंडी पर माल पहुंचाने वाला किसान परेशान हो जाता है। उसकी कोई बात ही नही सुना। मेरी गुजारिश है कि प्रशासन कोई ऐसा रास्ता निकाले की किसानों का माल बिना देरी के और बिना किसी अड़चन के सरकारी मंडी में बिक जाए।-सुखदेव सिंह किसान नंदपुर

हमारे कई साथियों ने बताया कि मंडियों पर किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। कई मंडियों पर बोरियां नही हैं। वैसे भी मंडी में माल को सही जगह रखने की व्यवस्था भी तो नही होती। वहीं माल की ढुलाई भी मोटी पड़ती है। यही कारण है कि हमने व्यापारियों को गेहूं बेच दी। -देवेंद्र सिंहकिसान चक मलाल

असल किसान को कोई दिक्कत नही आने दी जाएगी: कृषि निदेशक

कृषि निदेशक केके शर्मा ने कहा कि 20 मंडियों पर काम सुचारू रूप से चल रहा है। किसानों से माल भरा जा रहा है और 72 घंटे के अंदर अंदर आन लाइन अदायगी भी की जा रही है। जो भी किसान है और गेहूं बेचना चाहता है तो उसे क्षेत्र के कृषि अधिकारी से संपर्क साधना चाहिए। पूरी सहायता मिलेगी। जितनी जितनी जमीन है, उस हिसाब से उनसे गेहूं उठा ली जाएगी 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.