जम्मू कश्मीर : 15 लाख के इनामी आतंकी सरूरी से आजिज परिवार, भतीजा अब गा रहा सेना के गुण
सरूरी के भतीजे ने कहा कि हम इंटरनेट मीडिया के जरिए यह कहना चाहते हैं कि वह अपने आप को सेना के हवाले कर दे ताकि हम भी इज्जत की जिंदगी जी सकें। जुनैद ने कहा कि मैं बेकार था। सेना ने मुझे काम सिखाया।
बलवीर सिंह जम्वाल, किश्तवाड़ : जिले में पिछले 30 वर्ष से सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी अमीन भट्ट उर्फ जहांगीर सरूरी के भतीजे ने इंटरनेट मीडिया पर संदेश जारी कर अपने चाचा से आत्मसमर्पण करने की अपील की है। उसने आतंकी सरूरी से कहा है कि आत्मसमर्पण कर दो, ताकि हम भी इज्जत की जिंदगी जी सकेंगे। जहांगीर सरूरी को जिंदा या मुर्दा पकड़वाने पर 15 लाख का इनाम घोषित है।
आतंकी सरूरी के भतीजे जुनैद को सेना ने आपरेशन सद्भावना के तहत कारपेंटर का कोर्स करवाया है। इसी से प्रभावित होकर जुनैद ने इंटरनेट मीडिया पर एक संदेश जारी किया। जुनैद ने कहा कि हमने कई बार अपने चाचा सरूरी से आत्मसमर्पण करने की अपील की है, क्योंकि हमारे साथ उसका कोई संपर्क नहीं है। इसलिए हम इंटरनेट मीडिया के जरिए यह कहना चाहते हैं कि वह अपने आप को सेना के हवाले कर दे, ताकि हम भी इज्जत की जिंदगी जी सकें।
जुनैद ने कहा कि मैं बेकार था। किसी ने भी मेरा हाल नहीं पूछा, न ही कोई नेता हमारे घर आता है। हुर्रियत के नेता भी हमारे घर नहीं आते। सेना ने सराहनीय कदम उठाकर मुझे कारपेंटर का काम सिखाया और आज मैं इस काबिल हो चुका हूं कि कारपेंटर का काम करके अपना व अपने स्वजन का पेट पाल सकूं। जुनैद ने कहा कि हम बार-बार यही अपील कर रहे हैं कि सरूरी अपने साथियों सहित आत्मसमर्पण कर दे।
कई वारदात में शामिल सरूरी को तलाश रहे सुरक्षाबल : हिजबुल का आतंकी सरूरी एक दर्जन से भी ज्यादा वारदात में शामिल रह चुका है। उसे दबोचने के लिए सेना की राष्ट्रीय राइफल, सीआरपीएफ, किश्तवाड़ पुलिस व कई अन्य एजेंसियां उसे तलाश रही हैं, लेकिन आतंकी सरूरी का कोई पता नहीं चल रहा है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि किश्तवाड़ जिले में केवल सरूरी और उसके तीन से चार साथी ही सक्रिय रहे हैं।
इन प्रमुख वारदात में रहा है सरूरी का हाथ :
- वर्ष 2007 : सेना पर हुए हमले में एक मेजर व दो जवान हुए थे बलिदान
- वर्ष 2018 : भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाईअजित की हत्या
- वर्ष 2019 : आरएसएस के चंद्रकांत शर्मा की हत्या