Jammu Kashmir: ड्यूटी निभाते शहीद होने वाले वन कर्मियों के परिजनों को मिली एक-एक लाख रुपये की राहत
वन विभाग कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और वनों की रक्षा कर रहा है। वन कर्मी वनों व वन्यजीवों को संरक्षित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाता आ रहे हैं। हम इनकी सराहना करते हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर वन विभाग ने उन वन कर्मियों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दी जिनकी ड्यूटी निभाते हुए जानें चली गई थी। इन शहीदों को याद किया गया और उनके द्वारा दी गई सेवाओं पर चर्चा की गई। वहीं जो वन कर्मी अपनी ड्यूटी निभाते हुए गंभीर घायल हो गए थे, को भी 25 हजार रुपये का चेक दिया गया।
वन कर्मी वनों व वन्यजीवों को संरक्षित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाता आ रहे हैं
इस मौके पर वन विभाग के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर आफ फारेस्ट डा. मोहित गेरा मुख्य अतिथि थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वन विभाग कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और वनों की रक्षा कर रहा है। वन कर्मी वनों व वन्यजीवों को संरक्षित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाता आ रहे हैं। हम इनकी सराहना करते हैं। अपनी ड्यूटी के दौरान वन कर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने फर्ज को सबसे उपर रखता है। इसलिए हम हर वनकर्मी की सराहना करते हैं।
यह पहला मौका है कि ड्यूटी के दौरान साहसिक कार्य करने वाले वन कर्मियों को विभाग सम्मानित कर रहा है। फ्रंट लाइन वन कर्मियों को प्रेरित करने के लिए सरकार ने स्टेट अवार्ड भी कायम किया है। मोहित गेरा ने राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी व इस दिवस से जुड़े एतिहासिक पलों को सबके साथ सांझा किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें वन, वन्यजीवों की रक्षा के लिए काम कर रहे लोगों की याद दिलाता है।
इस मौके पर सीसीएफ रमेश कुमार ने भी अपने विचार रखे। इरफान अली शाह ने स्वागती भाषण दिया। उन्होंने वन कर्मियों का जिक्र किया जो अपनी डयूटी को निभाते हुए शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि वन विभाग इन कर्मियों के परिजनों के पास पहुंच रहा है और उनकी परेशानियों को भी सुन रहा है।