जम्मू एयरपोर्ट के रनवे का हुआ विस्तार, और सुरक्षित होगा सफर; एयरबस उतारने की भी तैयारी
Jammu Airport Runway Expansion संजीव कुमार गर्ग ने रनवे विस्तारीकरण का काम पूरा होने पर निर्माण एजेंसियों व संबंधित विभागों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बेलीचराना में नए टर्निमल से यहां आने वाले यात्रियों को और सुविधाएं मिलेंगी।
जम्मू, जागरण संवाददाता : देशभर से जम्मू आने वाले हवाई यात्रियों का सफर अब और भी सुरक्षित होगा। लंबे इंतजार के बाद जम्मू एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार कर इसे आठ हजार फीट कर दिया गया है। पहले रनवे 6700 फीट लंबा था, जो यहां आने वाले विमानों के उड़ान भरने और उतरने के लिए काफी कम था।
रनवे छोटा होने के कारण विमान अपनी क्षमता से कम वजन लेकर आते थे और पायलट को लैंडिंग के दौरान रुकने के लिए इमरजेंसी ब्रेक भी लगानी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा। रनवे विस्तार का काम पूरा होने के बाद शुक्रवार को जम्मू एयरपोर्ट से इंडिगो के विमान ने पहली उड़ान भरी। इस विमान को नए रनवे पर वाटर कैनन से सेल्यूट भी किया गया। बता दें कि जम्मू एयरपोर्ट को टर्मिनल एयरपोर्ट भी कहते हैं और वायुसेना भी इसका इस्तेमाल करती है।
जम्मू एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार एयरपोर्ट अथारिटी ने एयरफोर्स व एमइएस (मिलीट्री इंजीनिर्यंरग सर्विस) के सहयोग से पूरा किया। विधिवत पूजा अर्चना के बाद नए रनवे से इंडिगो के विमान 6ई-137 ने यहां से उड़ान भरी। इस मौके पर जम्मू के एयरपोर्ट डायरेक्टर संजीव कुमार गर्ग, एयर कमाडोर जीएस बुल्लर व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। संजीव कुमार गर्ग ने रनवे विस्तारीकरण का काम पूरा होने पर निर्माण एजेंसियों व संबंधित विभागों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बेलीचराना में नए टर्निमल से यहां आने वाले यात्रियों को और सुविधाएं मिलेंगी। बता दें कि जम्मू एयरपोर्ट के साथ लगते बेलीचराना में टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है।
जम्मू एयरपोर्ट पर अब एयरबस उतारने की तैयारी : जम्मू एयरपोर्ट पर एयरबस-321 को मोड़ने के लिए टर्न पैड का निर्माण भी किया जा रहा है। जाहिर है आने वाले दिनों में यहां एयरबस उतारने की तैयारी है। इसके अलावा एयरपोर्ट पर 2800 मीटर लंबी चाहर दीवारी का निर्माण भी किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू करने के भी किए जाएंगे प्रयास : जम्मू के एयरपोर्ट डायरेक्टर संजीव कुमार गर्ग ने कहा कि अब आगे यहां अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा जम्मू एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए सुविधाओं को भी विस्तार दिया जाएगा।
पहले जोखिम भरी थी लैंडिंग : जम्मू एयरपोर्ट पर रोजाना लगभग 30 विमान उतरते व उड़ान भरते हैं। रनवे छोटा होने के कारण सभी पायलट को उतरते समय विमान की इमरजेंसी ब्रेक लगानी पड़ती थी, जो जाखिम से कम नहीं थी।
विस्तारीकरण में सेना की जमीन का फंसा था मामला : एक दशक पहले जम्मू एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 5879 फीट यानि 1780 मीटर थी, जबकि किसी भी राष्ट्रीय स्तर के एयरपोर्ट पर कम से कम 7500 फीट लगभग 2300 मीटर लंबाई होनी चाहिए थी। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने भी जम्मू एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए प्रशासन से मदद मांगी। पहले चरण में इसकी लंबाई 6700 फीट की गई। रनवे के और विस्तार के लिए एयरपोर्ट के साथ सेना की जमीन होने से मामला फंसा था। बाद में प्रशासन ने सेना को इसके बदले सुंजवां में जमीन दी। इसके बाद रनवे आठ हजार फीट हो पाया।
वायुसेना ने चार टायरों वाले विमानों के उतरने पर जताई थी आपत्ति : जम्मू एयरपोर्ट के छोटे रनवे को देखते हुए वायुसेना ने भी यहां पर चार टायरों वाले विमानों के उतरने पर आपत्ति जताई थी। जम्मू का एयरपोर्ट फिलहाल वायुसेना के अधीन है। वायुसेना का मानना था कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर विमान के टायर फट सकते हैं। विमान असंतुलित होकर हादसे का कारण बन सकता है। लेकिन अब रनवे के विस्तार के बाद एयरपोर्ट पर लगभग सभी श्रेणी के विमान उतर सकेंगे।