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मैट घोटाले में कुपवाड़ा के पूर्व डीसी समेत सात के खिलाफ चालान पेश

एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) कश्मीर ने मैट खरीद में भ्रष्टाचार के मामले में कुपवाड़ा के पूर्व डिप्टी कमिश्नर इतरात हुसैन रफीकी समेत सात लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। बारामुला के भ्रष्टाचार निरोधक विशेष कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 08:08 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 08:08 AM (IST)
मैट घोटाले में कुपवाड़ा के पूर्व डीसी समेत सात के खिलाफ चालान पेश
मैट घोटाले में कुपवाड़ा के पूर्व डीसी समेत सात के खिलाफ चालान पेश

जागरण संवाददाता, जम्मू : एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) कश्मीर ने मैट खरीद में भ्रष्टाचार के मामले में कुपवाड़ा के पूर्व डिप्टी कमिश्नर इतरात हुसैन रफीकी समेत सात लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। बारामुला के भ्रष्टाचार निरोधक विशेष कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया।

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आरोपितों में कुपवाड़ा के तत्कालीन उपायुक्त के अलावा समेकित बाल विकास योजना (आइसीडीएस) के तत्कालीन कुपवाड़ा जिला अधिकारी मोहम्मद कासिम वानी, ट्रेजरी आफिसर रहे गुलाम नबी भट्ट, खाद्य विभाग के तत्कालीन इंचार्ज असिस्टेंट डायरेक्टर मुश्ताक अहमद भट्ट, तत्कालीन चीफ मेडिकल आफिसर डॉ. आलिम-उद-दीन भट्ट, जिला औद्योगिक केंद्र कुपवाड़ा के जनरल मैनेजर रहे अली मोहम्मद मीर तथा विलगम एग्रो कोऑपरेटिव मार्केटिग कंपनी के मालिक खुर्शीद अहमद मलिक शामिल हैं।

केस के मुताबिक 17 अप्रैल 2015 को विजिलेंस कश्मीर को आइसीडीएस के तहत मैट खरीद में घोटाले की शिकायत मिली थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वर्ष 2013-14 के दौरान कुपवाड़ा के तत्कालीन डीसी इतरात हुसैन रफीकी की अध्यक्षता वाली जिलास्तरीय खरीद कमेटी ने आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए मैट खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

उन अधिकारियों ने आपसी मिलीभगत से हंदवाड़ा की कंपनी विलगम एग्रो कोऑपरेटिव मार्केटिग को 17 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से 30,22,63 वर्ग फुट मैट का आर्डर दिया। जांच के दौरान सामने आया कि उस दौरान उसी क्वालिटी व ब्रांड का मैट बाजार में 12 रुपये प्रति वर्ग फुट में उपलब्ध था। आरोप है कि ऐसे में अधिकारियों ने पांच रुपये प्रति वर्ग फुट का अतिरिक्त भुगतान किया। इसके तहत अधिकारियों ने खरीद के लिए 51 लाख 38 हजार 471 रुपये का भुगतान करके सरकारी खजाने को 15 लाख 11 हजार 315 रुपये का नुकसान पहुंचाया।

जांच के बाद तमाम अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था और जांच पूरी होने के बाद अब कोर्ट में चालान पेश किया गया है।


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