शहर में मौत बन उड़ रही ड्रैगन की डोर
सुरेंद्र सिंह जम्मू गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद देशभर में चाइनीज सामान के
सुरेंद्र सिंह, जम्मू
गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद देशभर में चाइनीज सामान के बहिष्कार को लेकर मुहिम चली। जम्मू में भी चाइनीज सामान के बहिष्कार के लिए आवाज बुलंद हुई। खासकर जानलेवा गट्टू (चाइनीज मांझा) के खिलाफ तो शहर में खासा गुस्सा दिखा, इसके बावजूद शहर में चोरी-छिपे चाइनीज मांझा बिक रहा है। रक्षाबंधन के दिन इस बार भी चाइनीज डोर से पतंगबाजी हुई, जिसमें कुछ लोग जख्मी भी हुए। शहर के आसमान पर मौत पर मंडराने वाली ड्रैगन की डोर से शुक्रवार को एक कैटरर का गला कट गया, जिससे उसकी जान चली गई। प्रशासन ने चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगा रखा है, ऐसे में जो लोग इसे बेच रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
चाइनीज मांझे पर प्रशासन ने करीब पांच वर्ष पहले प्रतिबंध लगा दिया था। इस डोर को बेचने वालों पर पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं, इसके बावजूद पुलिस सुस्त बैठी हुई है। रक्षाबंधन के दिन भी चाइनीज मांझे से खूब पेच लड़े। आसमान मे यह जानलेवा डोर मौत बनकर मंडराती रही, लेकिन पुलिस न तो डोर बेचने वालों को दबोच पाई और न ही इस डोर से पेच लड़ाने वालों को पकड़ा। --------------------
जन्माष्टमी से पहले पुलिस करे सख्ती
पुलिस के ढुलमुल रवैये का ही नतीजा था कि अब भी यह डोर शहर के दुकानदार धड़ल्ले से बेच रहे हैं। ्रइस बार 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। ऐसे में फिर से चाइनीज मांझे की बिक्री बढ़ जाएगी, क्योंकि इस दिन भी जम्मू शहर में जमकर पतंगबाजी होगी। 50 से 100 रुपये में चाइनीज मांझे का एक बंडल बाहर से लाकर दुकानदार 400-600 रुपये में बेच रहे हैं। इस डोर की सारी बिक्री चोरी-छिपे ही होती है। इस डोर को दुकानों पर नहीं, बल्कि बाहर किसी अज्ञात जगह रखा जाता है और वहीं से इसकी सप्लाई होती है। ऐसे में पुलिस को इस मामले में पूरी रणनीति बनाकर इन दुकानदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए। आम शहरियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे जहां भी चाइनीज मांझा बिकते देखें, तुरंत पुलिस को सूचित करें। ------------
फोन पर होता है जानलेवा डोर का सौदा
पुलिस और प्रशासन से बचने के लिए गट्टू डोर बेचने वाले दुकानदारों ने भी नया तरीका निकाला है। इस डोर को ग्राहक तक पहुंचाने से पहला उसका सौदा फोन पर तय होता है। कुछ चुनिदा लोगों के माध्यम से दुकानदार सौदा तय करते हैं। फिर एक निश्चित जगह पर ग्राहक को बुलाकर डोर दी जाती है और बाद में दुकानदार या उसका करिदा वहां से खिसक जाते हैं। अगर इन दुकानदारों की दुकानों पर पुलिस छापा भी मारे तो वहां पर पुलिस को कुछ भी नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं दुकानदारों ने नेटवर्क भी बना रखा है। अगर किसी एक दुकानदार पर टीम जांच के लिए पहुंचती है तो वहां से दूसरे दुकानदार को भी अलर्ट कर दिया जाता है। छोटे से छोटा दुकानदार भी रक्षाबंधन से लेकर जन्माष्टमी तक चाइनीज मांझा बेचकर एक से डेढ़ लाख रुपया कमा लेता है।
----
गट्टू डोर बेचने की किसी भी दुकानदार को इजाजत नहीं है। पुलिस ने पूरे शहर में डोर विक्रेताओं पर नजर रखी है। अगर किसी को इस डोर की बिक्री होने के बारे जानकारी मिलती है, तो वह पुलिस से संपर्क कर सकता है। पुलिस जरूर कार्रवाई करेगी।
-एसएसपी जम्मू, श्रीधर पाटिल