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जम्मू कश्मीर में बिजली बिल 35 फीसद तक बढ़ाने की तैयारी

प्रस्ताव के अनुसार जिन उपभोक्ताओं के मीटर लगे हैं उनके लिए प्रति यूनिट किराये में 25 फीसद वृद्धि होगी। जिन उपभोक्ताओं के मीटर नहीं लगे हैं उनके किराये में 35 फीसद वृद्धि होगी।

By Edited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 01:43 PM (IST)
जम्मू कश्मीर में बिजली बिल 35 फीसद तक बढ़ाने की तैयारी
जम्मू कश्मीर में बिजली बिल 35 फीसद तक बढ़ाने की तैयारी

जम्मू, जागरण संवाददाता। ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (टीएंडडी) घाटे को कम करने और शत-प्रतिशत मीटरिंग करने में नाकाम जेएंडके पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (जेकेपीडीडी) ने बिजली किराया दर में 25 से 35 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। विभाग ने जेएंडके स्टेट इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन में यह प्रस्ताव पेश किया है। कमीशन ने विभाग को इस पर आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित करने का निर्देश दिया है।

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वर्तमान में बिजली विभाग की खरीद व आमदनी में करीब तीन हजार करोड़ रुपये का अंतर है, जिसका मुख्य कारण टीएंडडी घाटा है, लेकिन विभाग में इस क्षेत्र में सुधार करने की बजाय किराये में वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। इससे सबसे अधिक घरेलू उपभोक्ताओं का किराया बढ़ेगा। प्रस्ताव के अनुसार जिन उपभोक्ताओं के मीटर लगे हैं, उनके लिए प्रति यूनिट किराये में 25 फीसद वृद्धि होगी। जिन उपभोक्ताओं के मीटर नहीं लगे हैं, उनके किराये में 35 फीसद वृद्धि होगी। प्रस्ताव में व्यावसायिक क्षेत्र में मीटर कनेक्शन के लिए 25 व बिना मीटर वाले कनेक्शन पर 30 फीसद वृद्धि की जाएगी।

सरकारी विभागों और कृषि क्षेत्र में 10 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है। जबकि उद्योग क्षेत्र के लिए 15 से 20 फीसद किराये वृद्धि का प्रस्ताव है। मौजूदा किराया दर वर्तमान में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट किराया 3.20 रुपये (300 यूनिट से ऊपर) है। जिन उपभोक्ताओं के मीटर नहीं लगे हैं, उनसे 40 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह किराया वसूला जाता है। अगर 25 फीसद वृद्धि को मंजूरी मिलती है तो मीटर वाले उपभोक्ताओं का किराया चार रुपये प्रति यूनिट हो जाएगा। इसी तरह बिना मीटर उपभोक्ताओं को 54 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से किराया देना पड़ेगा। छह रुपये प्रति यूनिट होती है खरीद बिजली विभाग मौजूदा समय में छह रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की खरीद कर रहा है। केवल घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है, जिसे अब कम किया जा रहा है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो धीरे-धीरे यह सब्सिडी बंद की जाएगी और विभाग उन्हीं दर पर किराया वसूलेगा जिस दर पर खरीद होगी। इसके अलावा डिस्ट्रीब्यूशन चार्जिस के रूप में इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी भी बढ़ाई जाएगी। 55 फीसद ही हो पाई है मीट¨रग बिजली विभाग ने बिजली चोरी रोकने के लिए मीटरिंग का काम तो शुरू किया, लेकिन अब तक करीब 55 फीसद उपभोक्ताओं की ही मीट¨रग कर पाया है। शत-प्रतिशत मीट¨रग करने के लिए विभाग ने निजी कंपनियों को भी ठेका दिया था। इसके बावजूद इस दिशा में कोई उल्लेखनीय काम नहीं हो पा रहा। राज्य को वापस दिए जाए सलाल-उड़ी प्रोजेक्ट जम्मू वेस्ट असेंबली मूवमेंट के प्रधान सुनील डिम्पल ने पीडीडी के किराया वृद्धि प्रस्ताव की निंदा की है। उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से सलाल व उड़ी प्रोजेक्ट वापस लेने का मुद्दा केंद्र के सामने उठाने की मांग की।

डिम्पल ने कहा कि ये दोनों प्रोजेक्ट राज्य को वापस मिल जाएं तो कहीं से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उपभोक्ताओं को मुफ्त में बिजली मिलेगी। बिजली विभाग को 80 फीसद किराया जम्मू संभाग से प्राप्त होता है और इस वृद्धि का असर भी जम्मू संभाग के लोगों पर ही सबसे अधिक पड़ेगा। औद्योगिकीकरण को होगा नुकसान बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने पीडीडी के किराया वृद्धि प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। एसोसिएशन के प्रधान ललित महाजन ने कहा कि एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार जम्मू कश्मीर में नए उद्योग लाने के लिए सस्ती दरों पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के दावे कर रही है। दूसरी तरफ पीडीडी ने किरायों में वृद्धि का प्रस्ताव रख दिया है। इससे नए उद्योग नहीं आएंगे जिससे औद्योगिकीकरण को नुकसान होगा।

उन्होंने कहा कि बिजली विभाग उद्योग को बिना कटौती बिजली सप्लाई देने में नाकाम साबित हो रहा है, जिससे उद्योग को लाखों रुपये का उत्पादन नुकसान झेलना पड़ रहा है। महाजन ने कहा कि स्टेट इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने विभाग को 100 फीसद मीटर लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक सिर्फ 55 फीसद मीटर ही लगा पाया है। कमीशन ने टीएंडडी घाटे को 25 फीसद से कम रखने की हिदायत दी है, लेकिन वर्ष 2018-19 में यह घाटा 49.85 फीसद रहा। बैठक के दौरान वरिष्ठ उप-प्रधान तरुण सिंगला, उप-प्रधान अजय लंगर, महासचिव विराज मल्होत्रा, सचिव राजेश जैन व कोषाध्यक्ष विवेक ¨सहल मौजूद थे।


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